अमरीश
हरिद्वार, 13 मार्च। विश्व गुर्दा दिवस के अवसर पर बीएचईएल चिकित्सा विभाग द्वारा गुर्दा रोगियों के लिए “स्वस्थ गुर्दा सबके लिए, सब जगह, बचाव से पहचान तक” विषय पर एक व्याआख्यान का आयोजन किया गया । कार्यक्रम का शुभारम्भ चिकित्सा अधीक्षक डा.सुरजीत दास ने किया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए डा.सुरजीत दास ने कहा कि अपनी जीवन शैली, खानपान तथा व्यायाम को बढ़ावा देकर किडनी रोगों की बढ़ती हुई दर को काफी हद तक कम किया जा सकता है। उन्होंने सभी मरीजों को स्मृति चिन्ह देकर उनके स्वस्थ जीवन की कामना की । कार्यक्रम के मुख्य वक्ता तथा डायलिसिस यूनिट के प्रभारी डा.बलवंत सिंह कुशवाहा ने बताया कि दुनिया भर में 85 करोड़ लोग किडनी रोगों से ग्रस्त हैं तथा इसका इलाज भी काफी खर्चीला है। इसलिए इससे बचाव और बीमारी को शुरू में ही पहचान लेना ही कारगर उपाय है।
इस अवसर पर डायलिसिस स्टॉफ नर्स सविता चौहान तथा राकेश कुमार को उनकी समर्पित सेवाओं के लिए सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम में तीस से भी ज्यादा गुर्दा रोगियों ने भाग लिया। इनमें मुख्यतः तीन प्रकार के रोगी थे, पहले वे जिनका गुर्दा प्रत्यारोपण हो चुका है। दूसरे जिनकी डायलिसिस चल रही है और तीसरे वे जिनको गुर्दे की बिमारी तो है लेकिन डायलिसिस शुरू नहीं हुई है। इस दौरान डा.यू.एस.शिल्पी एवं डा.मीनाक्षी सहित पैरामेडिकल स्टॉफ के सदस्य एवं अन्य प्रतिभागी उपस्थित रहे।