कमल खडका
हरिद्वार, 4 जुलाई। स्पर्श गंगा कार्यालय में गंगा एवं पर्यावरण विषय पर गोष्ठी आयोजित गोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता अधिवक्ता ललित मिगालनी ने कहा कि गंगा व पर्यावरण एक दूसरे के पूरक हैं। एक के बिना दूसरा अधूरा है। धार्मिक ग्रंथो में जल का पिता का और पृथ्वी को माता का दर्जा दिया गया है। पर्यावरण साफ स्वच्छ रहेगा तो गंगा अपने आप निर्मल हो जाएगी। मिगलानी ने मंच के माध्यम से सरकार से मांग की कि गंगा, गलेशियर व पेड़ पौधांे को जीवित व्यक्ति का दर्जा दिया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सप्ताह में एक दिन गंगा में किसी भी तरीके की गतिविधि की रोकने हेतु निर्देश पारित किए जाने चाहिए।
विहिप जिला अध्यक्ष नितिन गौतम ने कहा कि गंगा सबकी जीवनदायिनी है। गंगा के अस्तित्व से समाज की पहचान है और गंगा को स्वस्थ रखना सबकी जिमेदारी और कर्तव्य है। समाजसेवी विशाल गर्ग समाज ने कहा कि न्यायालय के आदेश के बाद भी गंगा को जीवित व्यक्ति का दर्जा नहीं दिया जाना चिंता का विषय है। प्रशासन को गंगा स्वच्छता के लिए कड़े कदम उठाते हुए गंगा में गिर रहे गंदे नालों को रोकने की दिशा में तेजी से काम करना चाहिए। पार्षद निशा नौडियाल ने कहा कि गंगा को स्वच्छ, निर्मल, अविरल बनाए रखने के लिए सभी को सहयोग करना चाहिए। अध्यक्षता कर रहे आशु चैधरी ने कहा कि स्पर्श गंगा गंगा की स्वच्छता व संवर्द्धन के लिये पूर्ण रुप से समर्पित है।
गोष्ठी को जगजीतपुर चैकी इंचार्ज राजेंद्र सिंह रावत ने भी संबोधित किया। इस दौरान रीता चमोली, रेनू शर्मा, मन्नू रावत, पुनीत कुमार, रीमा गुप्ता, विमला डोंडीयाल, देवेन्द्र चावला, सिद्धार्थ प्रधान, बिंदिया गोस्वामी, रजनी वर्मा, मनप्रीत, मोहित कुमार, प्रखर, रजनीश सहगल, शीतल, अंशु तोमर, राजेश लखेड़ा आदि मौजूद रहे।