अमरीश
हरिद्वार, 5 जून। सीपीआई व सीआईएम कार्यकर्ताओं ने सरकार पर कोरोना संकट को संभालने में अक्षमता का आरोप लगाते हुए भेल सेक्टर 5 बी स्थित लुम्बानगर हाॅल में धरना दिया। वाम कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर आयकर की श्रेणी में नहीं आने वाले सभी परिवारों को 6 माह तक साढे सात हजार रूपए प्रतिमाह दिए जाने, छह माह तक सभी गरीब परिवारों को प्रति व्यक्ति 10 किलोे खाद्यान्न मुफ्त दिए जाने, प्रवासी श्रमिकों को उनके राज्यों में पहुंचाने के लिए भोजन और पानी के साथ परिवार के साधन मुफ्त उपलब्ध कराए जाने तथा मनरेगा के तहत बढऋी मजदूरी के साथ दो सौ दिन का रोजगार तथा शहरी गरीबों के लिए रोजगार गारंटी योजना का विस्तार करने की मांग भी की।
धरने को संबोधित करते हुए भाकपा के जिला मंत्री विजयपाल ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार कोरोना संकट को संभालने में पूरी तरह अक्षम साबित हुई है। बिना सोचे समझे कार्य कर रही सरकार ने गरीबों के जीवन को बर्बादी के कगार पर ढकेल दिया है। लाॅकडाउन में रोजगार गंवा चुके मजदूरों को उनके घर भेजे जाने की कोई व्यवस्था सरकार ने नहीं की। जिससे गरीब मजदूरों को भारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। सीपीआईएम के जिला मंत्री आरसी धीमान ने कहा कि बिना किसी योजना के लागू किए लाॅकडाउन में गरीब, मजूदर वर्ग को बेहद कठिन परिस्थतियों से गुजरना पड़ रहा है। कोरोना महामारी से निपटने के लिए संसाधनों को मजबूत नहीं किया गया।
कामधंधे बंद होने से अर्थव्यवस्था पर विपरीत असर हुआ। लेकिन सरकार की ओर से गरीब मजदूर वर्ग को राहत देने के लिए कोई उपाय नहीं किए। जिसके चलते पहले से ही विषम परिस्थितियों में जीवन यापन कर मजदूर वर्ग की परेशानियां और बढ़ गयी है। धरना देने वालों में एमएम वर्मा, पीडी बलूनी, एमएस त्यागी, एमपी जखमोला, मुनिरका यादव, आरपी जखमोला, बीके सिन्हा, भगवान जोशी, कालूराम जयपुरिया, साकेश वशिष्ठ, देव भगवान, वासुदेव यादव, विक्रम सिंह नेगी, शत्रुघ्न राय, भगवान बिष्ट, डीपी रतूड़ी, वीरेंद्र सिंह, भीमसिंह पटेल, कय्यूम खां, अनिल सक्सेना आदि शामिल रहे।