कमल खड़का
हरिद्वार, 28 जून। परशुराम अखाड़े के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने कनखल स्थित छोटी नहर के किनारे पर कूड़े ढेर लगाए जाने पर कड़ी आपत्ति जाहिर करते हुए कहा कि छोटी नहर के समीप यह मार्ग कनखल को जाता है। सड़क व गंगा किनारे पर कूड़े के अंबार लगे हुए हैं। राहगीरों को इससे काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सड़न, बदबू पूरे मार्ग पर फैल रही है। निकट ही गौतम फार्म हाऊस भी हैं। ब्रह्मलीन संत महेंद्र सिंह मार्ग की दुर्दशा पर नगर निगम प्रशासन उदासीनता बरत रहा है। चौबीस घंटे वाहनों की आवाजाही इस मार्ग से होती है। सड़क का कूड़ा सीधे छोटी नहर में गिर रहा है।
पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि गर्मी बरसात प्रारंभ हो चुकी है। संक्रामक रोग फैलने की पूरी संभावनाएं बनी हुई हैं। वैश्विक महामारी कोरोना से क्षेत्र के लोग भयभीत हैं। ऐसे में डेंगू का खतरा भी बना हुआ है। नगर निगम के अधिकारी सफाई व्यवस्था को लेकर कोई संज्ञान नहीं ले रहे हैं। जबकि कई बार सोशल मीडिया के माध्यम से सड़क के कूड़े को दर्शाया भी गया है। लेकिन सड़क का कूड़ा सही समय पर नहीं उठ रहा है। उन्होंने कहा कि मां गंगा की मान मर्यादाओं का भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है।
कूड़े के अंबार गंगा किनारे ही लगा दिया गया है। उन्होंने कहा कि अधिकारी अगर जल्द ही नहीं चेते तो नगर निगम के अधिकारियों के खिलाफ चरणबद्ध तरीके से आंदोलन चलाया जाएगा। गंगा स्वच्छता को लेकर मोदी सरकार कई योजनाएं संचालित कर रही है। लेकिन नगर निगम के अधिकारी गंगा किनारे ही कूड़े का डंपिंग यार्ड बना रहे हैं। केंद्र की गंगा स्वच्छता के अभियान को पलीता लगाने का काम किया जा रहा है। पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि संत जगजीत सिंह मार्ग से कूड़ा तुरंत हटाया जाए।
अधिकारियों को क्षेत्र का निरीक्षण करना चाहिए। कनखल के कई वार्डो का कूड़ा गंगा किनारे ही बेरोकटोक फेंका जा रहा है। कालोनीवासी भी सड़न बदबू से परेशान हैं। स्वास्थ्य को लेकर लोग भयभती हो रहे हैं। डेंगू की रोकथाम को लेकर डंपिंग यार्ड के आसपास दवाईयों का छिड़काव भी नहीं किया जा रहा है। केआरएल कंपनी के अधिकारियों कर्मचारियों को जनता की समस्याओं का ध्यान रखना चाहिए। आबादी वाले क्षेत्रों में डंपिंग यार्ड किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। गंगा की स्वच्छता व अविरलता को लेकर दावे करने वाले लोगों को छोटी नहर के समीप निरीक्षण करना चाहिए।