गरीब कन्याओं का विवाह संस्कार सबसे पुनीत कार्य-आचार्य म.म.स्वामी बालकानंद गिरी

Haridwar News
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राकेश वालिया

हरिद्वार, 12 मार्च। आनन्द पीठाधीश्वर आचार्य म.म.स्वामी बालकानंद गिरी महाराज ने कहा कि कन्याओं को शिक्षा व जीवन में आगे बढ़ने के समान अवसर दिए जाने चाहिए। भूपतवाला स्थित हरिधाम सनातन सेवा आश्रम ट्रस्ट में म.म.स्वामी सत्यात्मानंद गिरी महाराज के साथ भेंटवार्ता के दौरान स्वामी बालकानंद महाराज ने कहा कि जरूरतमंदों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सार्मथ्य की आवश्यकता होती है।

संस्था द्वारा कन्या दान महादान जैसे पुण्य कार्य निस्वार्थ सेवाभाव से ही किए जाने चाहिए। 61 कन्याओं का विवाह संस्कार कंुभ के पवित्र अवसर पर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि निम्न स्तर का जीवन यापन कर रहे परिवारों की मदद के लिए हाथ बढ़ाने की आवश्यकता है। गरीब परिवारों के उत्थान में सभी को अपना योगदान देना चाहिए। महामण्डलेश्वर स्वामी सत्यात्मानन्द गिरी महाराज ने कहा कि नर सेवा ही नारायण सेवा है। सभी को गरीब जरूरतमंदों की सेवा के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए। जरूरतमंदों की सेवा करने वालों को ईश्वरीय कृपा सहज ही प्राप्त हो जाती है। म.म.स्वामी सत्यात्मानन्द महाराज ने कहा कि कुंभ मेला सनातन धर्म का प्रमुख पर्व है।

कुंभ के दौरान संत महापुरूषों द्वारा किए जाने वाले धार्मिक आयोजनों का लाभ जनसाधारण को प्राप्त होता है। जनकल्याण व दीन दुखीयों की सेवा के लिए सदैव तत्पर रहने वाले संत महापुरूषों के सानिध्य में ही व्यक्ति का कल्याण होता है। स्वामी सत्यात्मानन्द महाराज ने बताया कि हरिद्वार में आयोजित हो रहे कुंभ मेले में पहली बार 61 कन्याओं का विवाह संपन्न कराया जाएगा। शांतिकुंज के निकट चण्डीगढ़ भवन में 26 अप्रैल को आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में कई संत महापुरूष वर वधु को आशीर्वाद देंगे। उन्होंने कहा कि सत्य सेवा संस्थान निरंतर गरीब जरूरतमंदों की सेवा में योगदान कर रहा है। कन्यादान महादान है।

संस्थान की ओर से अब तक 750 गरीब कन्याओं का विवाह कराया गया है। कुंभ मेला जैसे दिव्य व भव्य अवसर पर संस्थान की ओर से 61 गरीब कन्याओं का विवाह करने का निर्णय लिया गया है। विवाह कराने के साथ कन्याओं को जरूरत का सभी सामान भी उपहार स्वरूप दिया जाएगा। इस दौरान स्वामी सत्यानंद गिरी, स्वामी नत्थीनंद गिरी, आचार्य मनीष जोशी, आचार्य राजेश कृष्ण, स्वामी किशोर गिरी, स्वामी सुरेश पुरी, स्वामी मोनू गिरी, अशोक गोस्वामी, नंदकिशोर शर्मा आदि मौजूद रहे।

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