विडियो:-जल निगम जल संस्थान संयुक्त मोर्चे ने दिया धरना

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तनवीर


हरिद्वार, 24 जनवरी। जल निगम जल संस्थान संयुक्त मोर्चे ने विभिन्न मांगों को लेकर बुधवार को उत्तराखंड पेयजल निगम निर्माण शाखा पर धरना दिया। रघुवीर सिंह के संयोजन एवं गोविंद सिंह गैरोला के संचालन में आयोजित धरने में वक्ताओं ने शहरी विकास विभाग के अंतर्गत संचालित पेयजल एवं सीवरेज कार्यों का निर्माण कार्य उत्तराखंड पेयजल निगम से ना करा कर यूयूएसडीए द्वारा कराया जा रहा है और उसका संचालन कार्य भविष्य में उत्तराखंड जल संस्थान द्वारा ना करा कर यूयूएसडीए द्वारा अपने हाथों में लिया जा रहा है। जो कि उत्तर प्रदेश जलापूर्ति एवं संभरण अधिनियम 1975 का स्पष्ट उल्लंघन है।

आरोप लगाया कि शहरी विकास विभाग द्वारा निर्माण संचालन विशेषज्ञ विभाग उत्तराखंड पेयजल निगम व उत्तराखंड जल संस्थान को खत्म करने की साजिश लगातार की जा रही है। धरने को संबोधित करते हुए उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर संघ संघर्ष समिति के वाइस चेरयमैन इंजीनियर मोहित जैन ने कहा कि एकीकरण राजकीयकरण में शासन स्तर से विलंब होने से उत्तराखंड पेयजल विभाग के सभी अधिकारियों कर्मचारियों में निराशा है। शहरी विकास विभाग के अंतर्गत संचालित संस्था यूयूएसडीए द्वारा मूल अभियांत्रिकी विभागों के कार्य क्षेत्र में अतिक्रमण किए जाने से सभी कार्मिकों में अत्यधिक रोष है। उन्होंने कहा कि यूयूएसडीए में कराए जा रहे कार्यों के निरीक्षण पर्यवेक्षक हेतु सक्षम आवश्यक तकनीकी अनुभव युक्त अभियंता तैनात नहीं है। अन्य विभागों से प्रतिनियुक्ति पर लाए गए अभियंता उक्त संस्था में कार्य कर रहे हैं।

उक्त संस्था के अंतर्गत कार्यरत अधिकांश अभियंता उनके द्वारा आधारित पद के अनुरूप आवश्यक न्यूनतम तकनीकी अहर्ता एवं सीवरेज पेयजल कार्यो का अनुभव नहीं रखते हैं। जिससे रहे कार्यों की गुणवत्ता स्तरीय नहीं पाई गई। निर्माण कार्यों में लापरवाही व तकनीकी अज्ञानता के कारण जहां शासकीय धन की बर्बादी हो रही है। वही नियोजित एवं त्रुटि पूर्ण निर्माण कार्यों के कारण आम जनता को हो रही असुविधा के कारण सरकार की छवि भी धूमिल हो रही है। इंजीनियर शीतल सिंह राठौर अपर सहायक अभियंता ने कहा कि कि रुड़की क्षेत्र में एडीबी द्वारा 10 पैकेज पर कार्य प्रारंभ करते हुए अपूर्ण छोड़ दिए गए है।

एडीबी के पास अनुभवी अभियंता भी नहीं है। जिससे कार्यों में विलंब हो रहा है एवं गुणवत्ता नहीं आ रही है। धरने के दोरान प्रस्ताव पारित किया गया कि जब तक शासन द्वारा एकीकरण राजकीयकरण एवं लंबित मांगे पूरी नहीं की जाती है तब तक धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। 25 जनवरी को अधिशासी अभियंता निर्माण शाखा कार्यालय से सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय तक रैली निकाली जाएगी तथा मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया जाएगा। धरने में अरुण कुशवाहा, अचित पाराशर, कुमार गौरव, सावित्री देवी, सुदामा प्रसाद, धनसिंह नेगी, शलभ मित्तल, अनुराग शर्मा, मदन सिंह, अनूप भंडारी, चैधरी नरेश पाल, अमित कुमार, वैजयंती, प्रवेश कुमार, सिद्धार्थ कुमार, रश्मि, एकता, राजेश नेगी, रघुवीर रावत, शिवांक, सीएस कंडवाल, विष्णु प्रसाद नौटियाल, नीरज, रामपाल, सुरेंद्र, कमल, सतीश, मनीष, नीरज, तरुण, मयंक, विनोद, संजय, प्रवीण, गगन, पवन, सिद्धार्थ, मेघराज, मुकेश आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे।

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