तनवीर
हरिद्वार, 5 नवंबर। ज्वालापुर निवासी महिला ने पैतृक जमीन पर अवैध कब्जे का आरोप लगाते हुए आरोप लगाया कि दर दर भटकने के बाद भी उसे न्याय नहीं मिल रहा है। प्रैस क्लब में पत्रकारवार्ता के दौरान महिला ने रोते बिलखते हुए इलाके के पटवारी पर कब्जा करवाने का आरोप लगाते हुए न्याय नहीं मिलने पर आत्मदाह की चेतावनी भी दी।
महिला कामिनी रानी ने पत्रकारों को बताया कि ग्राम जमालपुर में उनकी पैतृक जमीन है। जिस पर पटवारी ने भूमाफिया से मिलीभगत कर अवैध कब्जा करवा दिया है। जमीन पर हुए अवैध कब्जे को हटवाने के लिए वे पिछले सात साल से दर दर भटक रही हैं। लेकिन आज तक न्याय नहीं मिला। जिला अधिकारी, एसएसपी, एसडीएम, तहसील प्रशासन सहित तमाम जगहों पर वे अवैध कब्जा हटवाने के लिए प्रार्थना पत्र दे चुकी हैं। उनके दिए गए प्रार्थना पत्रों को कार्रवाई के लिए पुलिस चैकी को भेजा गया। लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। दर दर भटकने के बाद उनकी बेटी ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा।
जिस पर पीएमओ से कार्रवाई के लिए जिला प्रशासन को पत्र भेजा गया। लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय से आए पत्र पर क्या कार्रवाई हुई यह भी आज तक पता नहीं चल पाया। कामिनी देवी ने कहा कि पैतृक संपत्ति की मालिक होने के बावजूद वे किराए के मकान में रहने को विवश हैं। उनके पति एक डेयरी पर काम करते हैं। जिससे मिलने वाले वेतन से परिवार की गुजर बसर किसी तरह हो पाती है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जल्द से जल्द उनकी जमीन से कब्जा नहीं हटवाया गया तो वे अपनी बेटियों सहित आत्मदाह करने को मजबूर होंगी।
प्रैसवार्ता के दौरान मौजूद रही गौरी सेवा समिति की उपाध्यक्ष समाजसेवी नीतू कश्यप ने कहा कि प्रशासन को पीड़ित महिला कामिनी रानी की समस्या का संज्ञान लेते हुए जमीन से अवैध कब्जा हटवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि जल्द से जल्द महिला को न्याय नहीं मिला तो गौरी सेवा समिति आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेगी।