विडियो:-किसान के हितों में केन्द्र सरकार विफल-अमरीष

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तनवीर

हरिद्वार 04 अक्टूबर। राजीव गांधी पंचायत संगठन के बैनर तले सब्जी मण्डी स्थल मार्ग पर किसानों ने काला कानून वापिस लो मण्डी बचाओ, किसान बचाओ को लेकर एक दिवसीय धरना दिया। बड़ी संख्या में किसानों के साथ-साथ मण्डी आढ़तियों ने भी धरने को अपना समर्थन दिया। धरने को सम्बोधित करते हुए पूर्व विधायक अमरीष कुमार ने कहा कि केन्द्र सरकार किसानों के हितों में सही फैसले नहीं ले पा रही है।

किसान चीनी मिलों में अपने बकाया भुगतान को लेकर त्रस्त आ चुका है। केन्द्र सरकार द्वारा बनाया गया कानून किसानों के हितों में नहीं है। इस कानून से किसान अपनी फसलों का उचित दाम भी नहीं ले सकेगा। मण्डियों का निजी हाथों में सौंपने की तैयारियां की जा रही है। देश का अन्नदाता आर्थिक रूप से कमजोर हो रहा है।

मोदी सरकार किसानों की दशा दिशा सुधारने की बात कर रही है। लेकिन इस कानून से पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने में लगी हुई हैं किसान मेहनत करता है लेकिन किसान को इस कानून से किसी भी प्रकार का कोई लाभ नहीं मिलने वाला है। उन्होंने कहा कि तत्काल केन्द्र सरकार इस काले कानून को वापिस लें। प्रदेश संयोजक मोहित उनियाल ने कहा कि किसान अपने बकाया भुगतानों को लेकर परेशन है।

चीनी मिलें मालिक किसानों का उत्पीड़न कर रही है। इस काले कानून से पूंजीपतियों को लाभ होगा। किसान इस कानून से और ज्यादा तंगहाल होगें। राज्य की त्रिवेन्द्र सरकार भी किसानों को लेकर कोई कार्य योजनायें नहीं बना रही है। केन्द्र सरकार का यह काला कानून किसान विरोधी हैं। जिला संयोजक जगपाल सिंह सैनी ने कहा कि देश का किसान आर्थिक रूप से कमजोर हो चला है।

किसानों की दुगनी आय करने की बात केन्द्र सरकार कर रही है। लेकिन काला कानून बनाकर किसानों का कोई भला नहीं होने वाला है। सब्जी मण्डीयों में भी किसान अपनी फसल को खुले रूप से नहीं बेच पायेगा। किसानों पर अंकुश लगाने का काम केन्द्र सरकार द्वारा किया जा रहा है। जगपाल सिंह सैनी ने कहा कि काले कानून को वापिस लिया जाये।

देश का किसान केन्द्र की जनविरोधी नीतियों को किसी भी रूप में स्वीकार नहीं करने वाला है। पूर्व राज्य मंत्री संजय पालीवाल ने कहा कि किसान आर्थिक तंगी के कारण आत्महत्यायें करने को मजबूर हैं। यह काला कानून किसान हितों में नहीं बनाया गया है। वरूण बालियान व सुनील ने कहा कि किसानों का उत्पीड़न किसी भी रूप में सहन नहीं किया जायेगा। इस कानून को वापिस लिया जाये।

धरना देने वालों में हाजी नईम कुरैशी, शाहबुद्दीन अंसारी, नरेश कुमार, राजेश गर्ग, बिन्देश कुमार, अय्यूब खान, चरण सिंह सैनी, नकलीराम, तजम्मुल हसन, मौ0 याकूब, शेर अली, शेखर सैनी, राजेश सैनी, हारून अंसारी, आयुष सैनी, मुजम्मिल, पार्षद इसरार अहमद, अमित चंचल, रोहित, धर्मेन्द्र, नितिन मंगल, राजन मेहता, अंकित चौधरी अकरम अंसारी आदि शामिल रहे। 

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