पैरामेडिकल स्टाफ की कमी दूर करने को पीएम को लिखा पत्र

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तनवीर

हरिद्वार, 15 जून। वरिष्ठ कांग्रेस नेता पूर्व विधायक अम्बरीष कुमार ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पैरामेडिकल की कमी को पूरा करने की मांग की है। पत्र में अम्बरीष कुमार ने कहा है कि कोरोना आपदा जिस भयंकर रूप में आज देश के सामने उपस्थित है। उसमें संसाधनों और प्रशिक्षित पैरामेडिकल स्टॉप की कमी एक बहुत व्यापक और बड़ी समस्या है। यह इसलिए है कि भारत में स्वास्थ्य क्षेत्र उपेक्षित रहा है। राज्य और केंद्र सरकार के बजट का मिलाकर जीडीपी का मात्र 1.6 फीसदी स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च होता है। दोहरी व्यवस्था होने से राष्ट्र इंश्योरेंस स्कीम पर अवलंबित है।

स्थिति यह है कि दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों में बेड्स की कमी महसूस की जा रही है। यही कारण है कि रेल कोच में अस्थाई कोविड बेड्स बनाए जा रहे हैं। परंतु पैरामेडिकल स्टाफ की कमी एक समस्या है। आवश्यकता हमेशा बनी रहेगी। भारत बहुत बड़ा देश है और भौगोलिक रूप से अलग-अलग समस्याएं आपदाएं एक स्वभाविक प्रक्रिया है। वर्षा काल में बाढ़ की समस्या, ग्रीष्म काल में सूखे की समस्या, शरद ऋतु में बर्फबारी की समस्या। इसके अतिरिक्त भूकंप महामारी भी है। आज कोरोना संक्रमण एक महामारी के रूप में देश के सामने उपस्थित है। हमने इसकी कभी कल्पना भी नहीं की थी। क्योंकि भारत में महामारी की आपदा सन् 1918 में आई थी। इसलिए हमारा स्वास्थ्य ढांचा मिश्रित था। सरकार के पास सीमित साधन होने के कारण निजी क्षेत्र को मौका मिला।

आज सरकारी स्वास्थ्य बीमा संबंधी योजनाओं पर अवलंबित है। इसलिए पैरामेडिकल स्टाफ का विस्तार नहीं हो सका। जिसका अभाव आज देश के सामने है। जब तक देश प्रत्येक नागरिक के लिए स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने में सक्षम न हो जाए तब तक एनसीसी, एनएसएस को नर्सिंग, फार्मेसिस्ट प्राथमिक उपचार आदि का प्रशिक्षण अनिवार्य किया जाए। जिससे कि किसी भी आपदा में इनका सहयोग लिया जा सके। 


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