बिना मांगे ही भक्तों को सर्वस्व अर्पण कर देते हैं भगवान-पंडित पवन कृष्ण शास्त्री

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अमरीश


हरिद्वार, 7 अप्रैल। श्री राधा रसिक बिहारी मंदिर रामनगर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के सप्तम दिवस की कथा श्रवण कराते हुए भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने बताया कि जिसके मन में संतोष होता है। वह कभी दरिद्र नहीं होता। दरिद्र वह होता है जिसके मन में कभी संतोष नहीं रहता। सुदामा परम संतोषी ब्राह्मण थे। हमेशा भगवान का धन्यवाद कहते थे। संदीपनी मुनि के के आश्रम में विद्या अध्ययन के दौरान कृष्ण और सुदामा की मित्रता हुई। विद्या अध्ययन के बाद दोनों अपने अपने घर चले गए। समय के साथ कृष्ण द्वारिकापुरी के राजा द्वारिकाधीश बन गए। परंतु सुदामा की स्थिति बहुत ही दयनीय थी। सुदामा अपनी पत्नी सुशीला एवं दो बच्चों के साथ झोपड़ी में निवास करते थे।

स्थिति इस प्रकार की थी खाने, पहनने और ओढ़ने के लिए भी कुछ नहीं था। परंतु भगवान से कभी कुछ नहीं मांगते थे। हमेशा श्री कृष्ण की मित्रता को याद करते एवं उनकी भक्ति किया करते। परंतु कभी भी उनसे किसी भी चीज की याचना नहीं करते थे। एक बार पत्नी के कहने पर सुदामा एक पोटली में दस मुट्ठी चावल लेकर श्री कृष्ण से मिलने के लिए द्वारिकापुरी पहुंचे। श्रीकृष्ण ने द्वारिकापुरी में सुदामा का बहुत आदर सत्कार किया। श्री कृष्ण जानते थे कि सुदामा उनसे कभी कुछ नहीं मांगेंगे। श्री कृष्ण ने सुदामा के लाए चावलों में से जब एक मुट्ठी चावल अपने मुख में डाला और ऊपर के सातों लोक सुदामा के नाम कर दिए और दूसरी मुट्ठी में नीचे के सातों लोक सुदामा के नाम कर दिए।

सुदामा जब द्वारिकापुरी से लौट कर अपने गांव पहुंचे तो अपनी झोंपड़ी की जगह महलों को देखकर उन्हें बहुत आश्चर्य हुआ।
शास्त्री ने बताया कि भगवान अपने भक्तों को अपना सर्वस्व अर्पण कर देते हैं। भगवान की कृपा से उनके पास किसी भी चीज की कमी नहीं रहती है। भगवान अपने भक्तों को सब कुछ दे देते हैं। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को भगवान की भक्ति निष्काम भाव के साथ करनी चाहिए एवं मन में संतोष धारण करना चाहिए।
इस अवसर पर मुख्य यजमान भागवत परिवार संयोजक चिराग अरोड़ा, पार्षद रेणु अरोड़ा, धीरज सेठ, गायत्री सेठ, संध्या भट्ट, शशिकांत भट्ट, आरती वशिष्ठ, मुकेश वशिष्ठ, पुष्पा सेठ, मीनू भसीन, संजीव भसीन, किन्नर अखाड़ा महामंडलेश्वर मोनिका, रिंकू शर्मा, महेंद्र शर्मा, देवेंद्र ब्रह्म (बिन्नी पंडित), शिवम ब्रह्म, सुमन चैहान, रोजी अरोड़ा, कोमल शर्मा, गौरव शर्मा, संजीव चैहान, बंटी अरोड़ा, नेहा जोशी, दीप्ति भारद्वाज, मनोज भारद्वाज, अखिलेश भारद्वाज, सुनीता भारद्वाज, बीना शर्मा, हरि नारायण शर्मा, कल्पना ठाकुर, बॉबी कनक ठाकुर, रीना जोशी, कमलेश अरोड़ा, रोजी अरोड़ा, अनु शर्मा, रिंकू शर्मा, मोनिका विश्नोई, कल्पना शर्मा, जूही शर्मा, शिक्षा राणा, शीतल मलिक, रश्मि गोस्वामी, शिमला उपाध्याय, राजू, रिंकी भट्ट, विमल भट्ट, मुखारी देवी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।

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