अमरीश
हरिद्वार, 9 मई। श्री राधा रसिक बिहारी भागवत परिवार सेवा ट्रस्ट के तत्वाधान में दुर्गा मंदिर श्याम नगर कॉलोनी में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के सप्तम दिवस पर भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने गुरु की महिमा का वर्णन करते हुए बताया बिना गुरु के गति नहीं होती है, ना ही ज्ञान की प्राप्ति होती है। इसलिए मनुष्य को जीवन में गुरु की शरण में जाना चाहिए। शास्त्री ने बताया कि मनुष्य के तीन गुरू हैं। जिनमें प्रथम गुरु माता पिता हैं। माता-पिता से ही बच्चों को संस्कार मिलते हैं।
माता-पिता के बाद शिक्षा गुरु हैं। जिनसे शिक्षा मिलती हैं और तीसरें हैं दीक्षा गुरु। जिनसे प्राप्त मंत्र जाप द्वारा हम अपना आध्यात्मिक कल्याण कर सकते हैं। सद्गुरु ही हमें असत्य से सत्य की ओर, अंधकार से प्रकाश की ओर एवं मृत्यु से अमृत की ओर लेकर जाते है। गुरु द्वारा प्राप्त ज्ञान से भीतर का अज्ञान रूपी अंधकार नष्ट हो जाता है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में गुरु धारण अवश्य करना चाहिए।
इस अवसर पर मुख्य यजमान पंडित अभिषेक मिश्रा, डा.अमित चैधरी, हरीश अरोड़ा, हरजीत अरोड़ा, ज्योति शर्मा, दीपक सेठ, नीलम सेठ, पवन मिगलानी, भूषण लाल शर्मा, संजय शर्मा, कमल खत्री, रितिका खत्री, हर्षा खत्री, ममता खत्री, पंकज अरोड़ा, श्रीमती फुलेश शर्मा, प्रज्ञा शर्मा, शांति दर्गन, विष्णु गौड, ममता शर्मा, सुनीता पाहवा, मधु मल्होत्रा, कोमल रावत, गुंजन जयसिंह, ज्योति शर्मा, वंदना जयसिंह आदि ने भागवत पूजन किया।