भूमा पीठाधीश्वर स्वामी अच्यूतानंद तीर्थ महाराज के अवतरण दिवस पर संत महापुरूषों ने दी शुभकामनाएं

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राकेश वालिया


सनातन संस्कृति के प्रचार प्रसार में स्वामी अच्यूतांनद तीर्थ का अहम योगदान
-श्रीमहंत रविंद्रपुरी
जप तप के चलते स्वामी अच्यूतानंद तीर्थ की संतों में अलग पहचान-हरीश रावत

हरिद्वार, 4 सितम्बर। भूमा पीठाधीश्वर स्वामी अच्यूतानंद तीर्थ महाराज का 68वां अवतरण दिवस संत महापुरूषों की उपस्थिति में समारोह पूर्वक मनाया गया। इस दौरान अखाड़ा परिषद अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने शाॅल ओढ़ाकर एवं फूलमाला पहनाकर कर स्वामी अच्यूतानंद तीर्थ को अवतरण दिवस की बधाई देते हुए कहा कि स्वामी अच्यूतानंद तीर्थ महाराज देश एवं विदेशों में सनातन संस्कृति के प्रचार प्रसार में अपना योगदान दे रहे हैं। उनके द्वारा समय समय पर सनातन संस्कृति पर प्रहार करने वालों को मूंहतोड़ जवाब देने का काम करते चले आ रहे हैं।

मानव कल्याण में इनके द्वारा किए जा रहे अतुल्य योगदान की जितनी भी प्रशंसा की जाए उतनी कम है। शिक्षा स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रशंसनीय काम भूमा पीठाधीश्वर द्वारा किए जा रहे हैं। समय समय पर देशवासियों को सनातन संस्कृति से जुड़ी जानकारियों से भी अवगत कराने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्वामी अच्यूतानंद तीर्थ महाराज के मार्ग दर्शन में युवा संत देश व राष्ट्र की उन्नति में अपना योगदान दे रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि स्वामी अच्यूतानंद तीर्थ महाराज अपने जप तप के कारण संतों में अपनी एक अलग ही पहचान बनाए हुए हैं। सनातन संस्कृति के प्रचार प्रसार में इनका योगदान प्रशसंनीय है।

धर्म संस्कृति की जानकारियों से श्रद्धालु भक्तों को अवगत कराना एवं मानव सेवा का संदेश देने वाले स्वामी अच्यूतानंद तीर्थ महाराज की जितनी भी प्रशंसा की जाए। उतना कम है। महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि स्वामी अच्यूतानंद तीर्थ महाराज सेवा के प्रकल्पों के माध्यम से जाने जाते हैं। उनके द्वारा अस्पतालों के निर्माण कर मानव सेवा का संदेश भी समाज में दिया जा रहा है। भगवान शिव की कृपा से सनातन संस्कृति को देश दुनिया में प्रचारित प्रसारित कर रहे हैं। स्वामी अच्यूतानंद तीर्थ महाराज सनातन संस्कृति पर कुठाराघात करने वालों के खिलाफ लगातार अपना पक्ष रखकर सनातन संस्कृति की विशेषता से अवगत कराते हैं।

प्रत्येक मुद्दे पर हिंदू संस्कृति को सर्वोच्च स्थान देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। विधायक मदन कौशिक एवं पूर्व मंत्री प्रीतम सिंह पंवार ने कहा कि राजसत्ता धर्मसत्ता के बिना अधूरी है। संत महापुरूषों के जप तप से ही विश्व का कल्याण का संभव है। देश की एकता अखंडता बनाए रखने में संत महापुरूषों की अहम भूमिका रही है। जसपुर विधायक आदेश चौहान ने कहा कि संत महापुरूषों के जप तप से उत्तराखंड प्रगति की और अग्रसर है।

देश दुनिया में देवभूमि संतों के जप तप एवं सनातन संस्कृति की विशेषता से ही पहचानी जाती है। भूमा पीठाधीश्वर स्वामी अच्यूतानंद तीर्थ महाराज ने कहा कि मेरा जीवन मानव कल्याण के लिए सदैव समर्पित रहेगा। समाज उत्थान में प्रयास जारी रहेंगे। मठ मंदिरों, पौराणिक सिद्ध पीठों की गरिमा को बनाए रखने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जाएगी। सनातन संस्कृति पर प्रहार करने वालों को मूंह तोड़ जवाब मिलता रहेगा। उन्होंने कहा कि संत सन्मार्ग पर समाज को अग्रसर करते हैं। राष्ट्र की उन्नति प्रगति के लिए सहयोग सभी को देना चाहिए। देश की एकता अखण्डता बनाए रखें।

हिंदू संस्कृति की विशेषता का प्रचार प्रसार लगातार किया जाना चाहिए। उन्होंने सभी अतिथीयों को भी अपने जन्म दिवस पर आशीर्वाद दिया। स्वामी आदियोगी एवं कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने कहा कि सनातन संस्कृति ही हिंदू समाज की विशेषता को दर्शाती है। स्वामी अच्यूतानंद तीर्थ महाराज हिंदू हितों को लेकर देश को जागृत करने का काम कर रहे हैं। अपने गुरू के अधूरे कार्यो को पूरा करने में जी जान से लगे हैं। प्रबंधक राजेंद्र शर्मा व देवराज तोमर तथा सभी ट्रस्टियों ने सभी संत महापुरूषों का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया और अतिथीयों का आभार जताया। इस दौरान छात्र छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। पूर्व सैनिक समिति ने भी स्वामी अच्यूतानंद तीर्थ को अवतरण दिवस की बधाई देते हुए फूलमाला पहनाकर उनका स्वागत किया। इस अवसर पर महंत निर्भय सिंह, स्वामी कृष्णानंद, स्वामी गोपालानंद, महंत सूरज दास, महंत नारायण दास पटवारी, महंत गोविंद दास, महंत राघवेंद्र दास, स्वामी रविदेव शास्त्री सहित सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूष व श्रद्धालु भक्त उपस्थित रहे।

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