राकेश वालिया
दिव्य महापुरूष थे ब्रह्मलीन स्वामी हरिद्वारी दास-महंत गंगादास
हरिद्वार, 25 नवम्बर। ब्रह्मलीन स्वामी हरिद्वारी दास महाराज गौरी घाट वाले बाबा की पन्द्रहवीं पुण्य तिथी नीलधारा मछला कुण्ड स्थित प्राचीन श्री हरिहर उदासीन आश्रम में संत समाज के सानिध्य में समारोह पूर्वक मनायी गयी। इस अवसर पर आश्रम के महंत गंगादास महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन हरिद्वारी दास महाराज दिव्य महापुरूष थे। धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार और आमजन में आध्यात्मिक चेतना जगाने के साथ विभिन्न सेवा प्रकल्पों के माध्यम से मानव कल्याण में उन्होंने अहम योगदान दिया।
उन्होंने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी हरिद्वारी दास महाराज से प्राप्त ज्ञान व उनकी शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए संत सेवा व जरूरतमंदों की मदद करना ही उनका उद्देश्य है। पूर्व पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी ने कहा कि समाज को ज्ञान की प्रेरणा देकर धर्म व अध्यात्म के मार्ग पर अग्रसर करने के साथ सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में ब्रह्मलीन स्वामी हरिद्वारी दास महाराज का अविस्मरणीय योगदान रहा। सभी को उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए मानव सेवा में योगदान करना चाहिए।
बाबा हठयोगी, स्वामी ऋषिश्वरानंद, महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी हरिद्वारी दास महाराज संत समाज के प्रेरणा स्रोत थे। उनका त्यागमयी व तपस्वी जीवन सभी के लिए प्रेरणादायी है। महंत जसविन्दर सिंह, स्वामी आदियोगी, महंत दुर्गादास, स्वामी चिदविलासानंद, महंत गोविंददास, महंत राघवेंद्र दास आदि संतों ने भी ब्रह्मलीन स्वामी हरिद्वारी दास महाराज को श्रद्धासुमन अर्पित किए।