तनवीर
छात्र छात्राओं ने दी ‘नन्हीं सी चिड़िया-मैं हूँ गौरेया’ गीत पर एक नाटकीय प्रस्तुति
घरों में मानवीय मित्रता का सम्बन्ध दर्शाती है गौरेया-श्रीमहन्त रविन्द्रपुरी
हरिद्वार 20 मार्च। विश्व गौरेया दिवस के अवसर पर एसएमजेएन.काॅलेज में पर्यावरण प्रकोष्ठ, राष्ट्रीय सेवा योजना तथा आन्तरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ द्वारा गौरेया संरक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कालेज प्रबंध समिति के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने पर्यावरण प्रकोष्ठ द्वारा पिछले तीन वर्षों से गौरेया संरक्षण के लिए किये जा रहे प्रयासों के संबंध में निर्मित वृत चित्र का उद्घाटन किया।कार्यक्रम के दौरान श्रीमहन्त रविन्द्रपुरी महाराज ने पर्यावरण प्रकोष्ठ के प्रयासो की प्रशंसा करते हुए कहा कि गौरेया विलुप्त प्रायः सी हो गयी है।
शहरीकरण और पेड़ों के कटने से मानवीय मित्रता का सम्बन्ध दर्शाती गौरेया अब घरों के आंगन में देखने को नहीं मिलती है। काॅलेज के प्राचार्य प्रो.सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि गौरेया मात्र एक पक्षी नहीं अपितु मानव सभ्यता और संस्कृति का भी प्रतीक है। पर्यावरण प्रदूषण, शहरीकरण और वनों के विनाश से इसकी संख्या लगातार कम होती जा रही है, जो न केवल मानव समाज अपितु पर्यावरण के लिए भी एक गम्भीर संकट है।
आंतरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ के प्रभारी डा.संजय कुमार माहेश्वरी ने कहा कि महाविद्यालय पर्यावरण संरक्षण के लिए लगातार जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। समन्वयक डा.विजय शर्मा ने बताया कि गौरेया संरक्षण के लिए पिछले तीन वर्षों में महाविद्यालय सहित 300 से अधिक घरों मेंघोसलें लगवाये गये हैं और अधिकतर घरों में घोसलों में गौरेया चहचहा रही है। कार्यक्रम में काॅलेज में पर्यावरण प्रकोष्ठ के छात्र-छात्राओं गौरव बंसल, अंशिका, आरती असवाल, मानसी वर्मा और रिया आदि ने नन्हीं सी चिड़िया मैं हूँ गौरेया गीत पर एक नाटकीय प्रस्तुति दी। जिसे सभी की सराहना मिली।
इस अवसर पर मुख्य रूप से विनय थपलियाल, डा. मोना शर्मा, डा.विनीता चौहान, डा.मिनाक्षी शर्मा, डा.रश्मि डोभाल, डा.रजनी सिंघल, डा.पल्लवी, डा.सरोज शर्मा, डा.रेनू सिंह, डा.अमिता मल्होत्रा, नेहा गुप्ता, डा.सुरभि प्रधान, प्रिंस श्रोत्रिय, विनीत सक्सेना, डा.महिमा नागयान, श्रीमती रचना गोस्वामी, मोहनचन्द पाण्डेय, चन्द्रमोहन शर्मा, मोनूराम राणा, सोनू कुमार, सुशील राठौर आदि शामिल रहे।