समारोह पूर्वक मनाया गया ब्रह्मलीन स्वामी जगदीश मुनि का निर्वाण दिवस

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राकेश वालिया


राजसत्ता और धर्मसत्ता का समन्वय थे ब्रह्मलीन स्वामी जगदीश मुनि-श्रीमहंत रविंद्रपुरी
त्याग और तपस्या से परिपूर्ण था ब्रह्मलीन स्वामी जगदीश मुनि का जीवन-स्वामी राममुनि

हरिद्वार, 29 फरवरी। ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी जगदीश मुनि का 13वां निर्वाण दिवस संत महापुरूषों के सानिध्य एवं श्रद्धालु भक्तों की उपस्थिति में भीमगोड़ा स्थित संत मंडल आश्रम में समारोह पूर्वक मनाया गया। ब्रह्मलीन स्वामी जगदीश मुनि के शिष्य एवं संत मंडल आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी राममुनि महाराज के संयोजन में आयोजित निर्वाण दिवस समारोह की अध्यक्षता करते हुए अखाड़ परिषद अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि राजसत्ता धर्म सत्ता के बिना अधूरी है। हरिद्वार में भाजपा की विजय पताका फहराकर इतिहास रचने वाले ब्रह्मलीन स्वामी जगदीश मुनि राजसत्ता और धर्मसत्ता का समन्वय थे। उन्होंने राम मंदिर आंदोलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सनातन धर्म संस्कृति के उत्थान और राम मंदिर आंदोलन में उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। योग गुरू आचार्य कर्मवीर ने कहा कि पूर्व विधायक ब्रह्मलीन स्वामी जगदीश मुनि ने सनातन धर्म और अध्यात्म का प्रचार प्रसार करने के साथ समाज को एकजुट करने में अहम योगदान दिया। ब्रह्मलीन स्वामी जगदीश मुनि के विचार और उनकी शिक्षाएं सदैव समाज का मार्गदर्शन करती रहेंगी। बाबा हठयोागी एवं स्वामी ऋषिश्वरानंद ने कहा कि निर्मल जल के समान जीवन व्यतीत करने वाले ब्रह्मलीन स्वामी जगदीश मुनि दिव्य संत थे। सदैव भक्तों और समाज कल्याण के लिए समर्पित रहने वाले ब्रह्मलीन स्वामी जगदीश मुनि महाराज का आदर्शपूर्ण जीवन सभी के लिए प्रेरणादायी है। महमंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरी एवं महंत रूपेंद्र प्रकाश महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी जगदीश मुनि ने संत समाज के प्रेरणा स्रोत और भक्तों के लिए प्रेरणा के पंुज थे। महामंडलेश्वर स्वामी यतिन्द्रानंद गिरी एवं महंत नवल किशोर दास ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी जगदीश मुनि संत समाज की दिव्य विभूति थे। उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए मानव कल्याण में योगदान का संकल्प लेना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है। स्वामी राममुनि महाराज ने सभी संत महापुरूषों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि पूज्य गुरूदेव ब्रह्मलीन स्वामी जगदीश मुनि का पूरा जीवन त्याग और तपस्या से परिपूर्ण रहा। वे सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें गुरू के रूप में ब्रह्मलीन स्वामी जगदीश मुनि का सानिध्य प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि पूज्य गुरूदेव के दिखाए मार्ग पर चलते आश्रम की सेवा संस्कृति को आगे बढ़ाना ही उनके जीवन का उद्देश्य है। कार्यक्रम का संचालन स्वामी रविदेव शास्त्री ने किया।
कार्यक्रम के दौरान सभी संत महापुरूषों ने एक स्वर में हरिद्वार लोकसभा सीट से किसी संत को भाजपा उम्मीदवार बनाए जाने की मांग भी की। संतों ने कहा कि हरिद्वार धर्मनगरी है। लोकसभा में हरिद्वार का प्रतिनिधित्व संत द्वारा किए जाने पर धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हरिद्वार का विकास होगा।
इस अवसर पर श्रीमहंत रविंद्रपुरी, बाबा हठयोगी, आचार्य कर्मवीर, महंत जसविन्दर सिंह, महंत नवल किशोर दास, महंत रूपेंद्र प्रकाश, स्वामी ऋषिश्वरानंद, महंत प्रबोधानंद, महंत गोविंददास, स्वामी ऋषि रामकृष्ण, स्वामी ज्ञानानंद स्वामी जगदीश दास, भक्त दुर्गादास, स्वामी कृष्ण स्वरूप, स्वामी दिनेश दास, स्वामी सुतिक्ष्ण मुनि, स्वामी निर्मल दास, स्वामी अनंतानंद, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, पूर्व विधायक संजय गुप्ता, भाजपा जिला अध्यक्ष संदीप गोयल, पूर्व पार्षद अनिरूद्ध भाटी, आकाश भाटी, विशाल राठौर, संजीव चैधरी, तरूण नैय्यर, शिवकुमार कश्यप, रवि कश्यप, राकेश गिरी, शोभाराम प्रजापति सहित बड़ी संख्या में संत महापुरूष एवं श्रद्धालुजन उपस्थित रहे।
फोटो नं.1-ब्रह्मलीन स्वामी जगदीश मुनि को श्रद्धांजलि देते संत

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