तनवीर
हरिद्वार, 3 मार्च। पाॅलीथीन पर प्रतिबंध के बावजूद भी धर्मनगरी में बेरोकटोक इस्तेमाल की जा रही है। बाहर से आने वाले यात्री श्रद्धालु भी गंगा घाटों पर पाॅलीथीन का इस्तेमाल कर रहे हैं। कांवड़ मेले के अलावा अन्य स्नान पर्वो पर भी हरकी पैड़ी सहित विभिन्न गंगा घाटों पर बड़े पैमाने पर पाॅलीथीन का प्रयोग किया जा रहा है। एनजीटी के आदेशों का पालन भी नहीं हो पा रहा है।
गंगा घाटों पर बाहर से आने वाले यात्री श्रद्धालु एवं स्थानीय नागरिक भी प्रतिबंधित पाॅलीथीन का प्रयोग कर रहे हैं। समाजसेवी रामेश्वर गौड़ ने प्रशासन से अपील करते हुए कहा कि पाॅलीथीन के प्रयोग को लेकर प्रशासन को जनचेतना अभियान चलाना चाहिए। गंगा घाटों व आसपास के क्षेत्रों में पाॅलीथीन प्रतिबंध के साईन बोर्ड स्थापित किए जाएं। जिससे बाहर से आने वाले यात्री श्रद्धालु पाॅलीथीन का इस्तेमाल गंगा घाटों पर ना करें। उन्होंने कहा कि एनजीटी के आदेशों के बावजूद भी पाॅलीथीन का प्रयोग गंगा किनारे पर ही किया जा रहा है।
जनजागरूगता के अभाव में ऐसा हो रहा है। उन्होंने जिला प्रशासन से अपील की कि अधिक से अधिक जागरूकता की जानी चाहिए। विभिन्न चैराहों, सड़कों गंगा घाटों पर साईन बोर्ड लगाए जाएं। साथ ही गंगा को स्वच्छ, निर्मल, अविरल रखने के भी साईन बोर्ड लगाए जाने चाहिए। नगर निगम के अधिकारियों को भी अपना उत्तरदायित्व निभाना होगा।
कांवड़ मेले के दौरान बाहर से आने वाले श्रद्धालु छोटी बड़ी पाॅलीथीन, पन्नियों का इस्तेमाल गंगा घाटों पर ही करते हैं। जिसके चलते गंगा के प्रदूषण को भी बढ़ावा मिल रहा है। पाॅलीथीन पूर्ण रूप से प्रतिबंधित हो। स्थानीय व्यापारियों को भी अपना सहयोग प्रदान करना चाहिए।