तनवीर
मलेरिया मच्छरों की उत्पत्ति रोकने के लिए पानी इकठ्ठा ना होनें दे-डा.केपीएस चौहान
हरिद्वार, 24 अप्रैल। इएमए के केन्द्रीय कार्यालय बालाजी इंस्टीट्यूट आॅफ अल्टरनेटिव मेडिकल साइंस एंड रिसर्च सेंटर आर्य नगर ज्वालापुर में विश्व मलेरिया दिवस पर संगोष्ठी आयोजित की गयी। संगोष्ठी मे मलेरिया से बचाव, रोक थाम, जागरूकता एवं चिकित्सा विषय पर जानकारी देते हुए इएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा.केपीएस चौहान ने कहा कि मलेरिया बुखार मादा एनोफिलीज के काटने के 10 से 15 दिन पश्चात प्लाज्मोडियम वाईवैक्स मच्छर द्वारा बुखार आता है।
इसका परजीवी पहले लीवर में फिर लाल रक्त कोशिकाओं में प्रवेश करके शरीर की इम्यूनिटी पावर को कम करता है। मलेरिया बुखार में तिल्ली बढ़ जाती है तथा लीवर एवं किड़नी पर भी खराब प्रभाव पड़ता है। संक्रमण के कारण पहले शरीर में ठंड से कंपकंपी आती है फिर गर्मी लगती है और फिर पसीना आकर बुखार उतर जाता है। इसकी पुनरावृत्ति तीन चक्रो पहला 24 घंटे, दूसरा 36 घंटे, तीसरा 48 घंटे में होती है। मलेरिया मच्छरों की उत्पत्ति रोकने के लिए अपने आसपास पानी इकट्ठा न होने दें। रात्रि में शरीर को ढक कर सोएं। मच्छरदानी, एंटी मोसकोईट जैली या क्रीम का इस्तेमाल कर मच्छरों से बचाव करें।
मलेरिया बुखार हो जाने पर तरल पदार्थों एवं रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने वाले भोज्य पदार्थों का अधिक सेवन करे। यदि मैलेरिन टेबलेट बुखार होने से पहले ली जाती है तो मलेरिया नहीं होगा तथा बुखार होने पर लेने से चिकित्सा होती है और अगर बुखार उतरने के बाद ली जाय तो शरीर की रोग प्रतिरोधी शक्ति बढ़ेगी। बैठक में एसके अग्रवाल, डा.बीबी कुमार, डा.वीएल अलखानिया, ऋचा आर्या, राशिद अब्बासी, चांद उस्मान, वसीम अहमद, अशोक कुमार, संदीप पाल, संजय मेहता, मनोज पंवार, राकेश कुमार, बिजेंद्र सिंह, रमेश जालान, सुशील भटनागर, हिना कुशवाहा, मंजुला होलकर, लक्ष्मी कुशवाहा, रमेशचंद्र जालान, कमलेश शर्मा, डा.एसपी तोमर आदि मौजूद रहे।