गौरव रसिक
हरिद्वार, 27 फरवरी। किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर पूजानंद सरस्वती ने कहा कि कलयुग में ईश्वरीय आराधना से मनुष्य भवसागर से पार हो सकता है। भूपतवाला स्थित आवास में हनुमान चालीसा व सुंदरकांड पाठ के आयोजन में सम्मिलित हुए श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए महामण्डलेश्वर पूजानंद सरस्वती ने कहा कि सुंदरकांड बजरंगबली की अराधना है। सुंदरकांड का पाठ करने से बजरंगबली प्रसन्न होते हैं।
बजरंग बली की कृपा से समस्त संकट दूर हो जाते हैं और जीवन में सुख समृद्धि का वास होता है। सुंदरकांड पाठ करने से घर में सुख शांति की प्राप्ति होती है। विश्व का कल्याण होता है। कलयुग में हनुमान जी की पूजा एवं आराधना करने से सभी तरह के संकट, रोगों से मुक्ति मिलती है। हिमानंद सरस्वती महाराज व हिमानीनंद सरस्वती ने कहा कि सुंदरकांड का पाठ होने से आसपास का वातावरण शुद्ध व सकारात्मक ऊर्जा से पूर्ण होता है।
बल, बुद्धि व विद्या के दाता रुद्रावतार हनुमान जी की पूजा से जीवन में आ रही सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। पंडित आचार्य ज्ञानेंद्र मिश्रा ने कहा कि अपनी भक्ति से हनुमान जी ने प्रभु श्रीराम के हृदय में उनके भ्राता लक्ष्मण के समान स्थान प्राप्त किया था। प्रभु श्रीराम ने उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर कहा था कि मेरे पास आने का रास्ता तुम्हारे हृदय से होकर आएगा अर्थात हनुमान को प्राप्त किए बिना श्रीराम की प्राप्ति असंभव है। इस मौके पर पंडित आचार्य ज्ञानेंद्र मिश्रा, देवेंद्र पाल, विवेक, राज, सागर, अमित कुमार, पायल, रेनू आदि भक्तगण उपस्थित रहे।