अमरीश
हरिद्वार, 27 अक्टूबर। भगवान सूर्य देव की आराधना को समर्पित तथा लोक आस्था के महापर्व छठ की शुरूआत शुक्रवार को नहाए खाय के साथ होगी। पूर्वांचल उत्थान संस्था, छठ पूजा आयोजन समिति के तत्वावधान में शुक्रवार से चार दिनी छठ महापर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। छठ पूजा आयोजन समिति कनखल के संयोजक आचार्य उद्धव मिश्रा ने बताया कि छठ महापर्व की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है।
गंगा घाटों की सफाई के लिए अलग अलग टीम बनाई गई है। तीर्थ नगरी के सभी प्रमुख घाटों पर पूर्वांचल समाज के लोग आस्था और उल्लास के साथ छठ पर्व मनायेंगे। आचार्य भोगेंद्र झा ने कहा कि छठ धार्मिक आस्था एवं स्वच्छता का पर्व है। इसलिए साफ सफाई पर विशेष जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि छठ पर्व के पहले दिन नहाए खाए के दिन कद्दू की सब्जी बनायी जाती है। व्रत रखने वाले सबसे पहले इसे ग्रहण करते हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अलावा इसके सेवन से स्वास्थ्य संबंधी कई लाभ भी होते हैं। डा.निरंजन मिश्रा ने कहा कि छठ पूजा 28 अक्टूबर को नहाय-खाय के साथ शुरू होगी। 29 अक्टूबर को खरना है। 30 अक्टूबर को डूबते सूर्य को अध्र्य देंगे व 31 अक्टूबर को उगते सूर्य को अघ्र्य दिया जायेगा। डा.नारायण पंडित ने बताया छठ पूजा में श्रद्धालु 36 घंटे का निर्जला व्रत करते हैं।
पर्व के दौरान घर में तामसिक और मांसाहार पूरी तरह वर्जित है। उन्होंने बताया कि मान्यताओं के अनुसार छठी मैया को सूर्य देव की बहन माना जाता है। इसलिए छठ पूजा के दौरान सूर्य की उपासना की जाती है। कहा जाता है कि सूर्य की पूजा करने से छठी मैया प्रसन्न होती हैं।