कमल खडका
हरिद्वार, 22 जून। देवभूमि सिविल सोसायटी के पदाधिकारियों ने सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर राज्य में लगी औद्योगिक इकाईयों में 70 फीसदी रोजगार स्थानीय युवाओं को दिए जाने की मांग की है। ज्ञापन में मांग की गयी है सभी जिलों में विभिन्न राज्यों से लौटे श्रमिकों प्रवासी श्रमिकों की सूची बनायी जाए तथा जिला स्तर पर कमेटी का गठन कर औद्योगिक इकाईयों की आवश्यकता के अनुसार श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जाए। ज्ञापन सौंपने के दौरान देवभूमि सिविल सोसायटी के संयोजक जेपी बड़ोनी ने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड 19 के कारण किए गए लाॅकडाउन के चलते विभिन्न प्रदेशों में कार्य कर रहे उत्तराखण्ड के लगभग डेढ़ लाख श्रमिक राज्य में वापस आए हैं।
वापस लौटे प्रदेश के श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराना सरकार का दायित्व है। सरकार को इस दायित्व का पालन करते हुए स्थानीय युवाओं को 70 प्रतिशत रोजगार स्थानीय युवाओं को देने संबंधी शासनादेश के अनुसार प्रदेश में लगी औद्योगिक इकाईयों में दूसरे प्रदेशों से लौटे स्थानीय बेरोजगार श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराना चाहिए। पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी का सर्वाधिक असर मजदूर वर्ग पर हुआ है। लंबे लाॅकडाउन के कारण विभिन्न राज्यों में काम करने वाले उत्तराखण्ड के मजूदर भी बड़ी संख्या में बेरोजगार हुए हैं।
रोजगार चल जाने के कारण घर वापस लौटे मजदूर हताशा व निराशा का शिकार हो रहे हैं। सरकार को पूर्व में जारी शासनादेशों के अनुसार मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए तत्काल कार्रवाई शुरू करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि स्थानीय श्रमिकों को राज्य में ही रोजगार मिलेगा तो पलायन पर भी रोक लगेगी। ज्ञापन सौंपने वालों में बाबा हठयोगी, अश्विनी सैनी, रवि जैन, दीपक शर्मा आदि शामिल रहे।