हरिद्वार, 18 अक्टूबर। अध्यात्म एवं सद्विचारों से युक्त व्यक्ति पर नकारात्मक व्यवहार कम प्रभावी होता है। अध्यात्म की शक्ति व्यक्ति को नकारात्मक व्यवहार करने से रोकती है। गुरूकुल कांगडी विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डा.शिवकुमार चौहान ने शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग मे संवाद कार्यक्रम के अवसर पर यह बात कही।
युवाओं के लिए मनोविज्ञान के रहस्य एवं सिद्वान्त पर संवाद करते हुये डा.चौहान ने कहा कि यथाकर्म यथाश्रुतमए यथाप्रज्ञा बहुत.सी चीजें शरीर के नाश के साथ ही चली जाती हैं। लेकिन आत्मा रहती है। मनुष्य का जैसा कर्म उसका ज्ञान और जैसी उसकी प्रज्ञा होती है. वैसा ही जन्म उसे मिलता है। नए जन्म में वह अपनी साधना आगे चलाता है। इतना स्पष्ट होते हुए भी यदि मृत्यु के रहस्य को समझना हो तो उसके लिए व्यक्ति को अपनी स्वतन्त्र साधना करनी ही पड़ती है।
जिसमे मनोविज्ञान के रहस्य एवं सिद्वान्त व्यक्ति के लिए मददगार होते है। उन्होने कहा कि मनोविज्ञान को जानना आज सभी लोगों के लिए आवश्यक बनता जा रहा है। जीवन की छोटी छोटी समस्यायें व्यक्ति की सोच एवं नैतिकता पर गहरा प्रभाव डालती है। जिस पर परामर्श एवं सहयोग के माध्यम से ही समाधान प्राप्त होता है।