केन्द्रीय योजनाओं में हो समन्वय स्थापित-मनोज द्विवेदी

Haridwar News
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तनवीर

हरिद्वार, 6 नवंबर। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनोज द्विवेदी ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा आमजनमानस के लिए घोषणाएं तो कर दी जाती है लेकिन उन घोषणाओं का लाभ आमजनमानस को नहीं हो पाता है। सम्बन्धित विभाग केन्द्र से संचालित योजनाओं का लाभ दिलाने में किसी भी प्रकार की कोई रूचि नहीं दिखाते हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ग को घोषणाओं का लाभ समान रूप से प्राप्त होना चाहिए। राज्य की त्रिवेन्द्र सरकार भी केन्द्र से संचालित योजनाओं का लाभ लोगों को नहीं दिला पा रही है।

आत्मनिर्भर बनाने की घोषणायें तो की जा रही है लेकिन जो घोषणायंे लोगों के लिए की गई है उन घोषणाओं पर अधिकारी लोगों को सही जानकारियां नहीं दे पाते हैं। आपसी तालमेल न होने की सूरत में लोगों को घोषणाओं का लाभ नहीं हो पा रहा है। नीतियों और घोषणाओं में समन्वय स्थापित करने के लिए अधिकारियों को कमर कसनी होगी। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में व्यापारी आर्थिक रूप से कमजोर हो गया है।

आर्थिक पैकेज की घोषणायें सरकार द्वारा नहीं की गई है। जिन कारणों से व्यापारी आर्थिक मंदी का सामना कर रहा है। बैंकोे से मिलने वाले कर्ज लोगों को नहीं मिल पाते हैं। लोग लगातार बैंकों में लोन लेने के लिए चक्कर काटते रहते हैं लेकिन बैंकों के अधिकारी केन्द्र से संचालित योजनाओं की सही जानकारियां उपभोक्ताओं को नहीं दे पाते हैं। मनोज द्विवेदी ने कहा कि उत्त्तराखण्ड प्रदेश को प्रगतिशील उत्तराखण्ड बनाना है तो विभागों को आपसी समन्वय स्थापित करना होगा। योजनाओं का खुलकर प्रचार प्रसार किया जाये।

आम आदमी पार्टी जनहित में लोगों के लिए विकल्प तलाश रही है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के द्वारा दिल्ली में कई तरह की योजनायें संचालित की गई है जिनका लाभ दिल्ली की जनता को सहज रूप से प्राप्त हो रहा है लेकिन उत्तराखण्ड प्रदेश में योजनायें तो संचालित है लेकिन लोगों को उन योजनाओं का लाभ सहजता से नहीं मिल पाता है। मनोज द्विवेदी ने कहा कि भाजपा कांग्रेस मात्र वोटों की राजनीति कर रही है।

उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्र व राज्य से संचालित योजनायें मात्र कागजों में सिमटकर रह गई है। लोग योजनाओं का लाभ लेने के लिए विभागों व कार्यालयों के चक्कर लगाते रहते है। लेकिन लोगों को किसी भी प्रकार का लाभ प्राप्त नहीं हो पाता है। योजनायें तो संचालित कर दी जाती है लेकिन योजनाओं को सही रूप से लागू कराने में सरकार की उदासीनता बनी रहती है।

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