हरिद्वार, 5 मार्च। खनन चुगान खोल जाने व खनन नीति बनाए जाने की मांग को लेकर हरिद्वार स्ट्रोन क्रेशर वैलफेयर एसो. के तत्वावधान में हरिद्वार दिल्ली हाइवे पर चल रहा धरना छठे दिन भी जारी रहा। बृहष्पतिवार को धरने में शाहपुर के ग्रामीण भी शामिल हुए। धरने में शािमल ग्रामीणों का कहना है कि खनन चुगान नहीं होने से उनके सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि खनन चुगान से बड़ी संख्या में क्षेत्र के ग्रामीणों का रोजगार मिलता है। इलाके के हजारों परिवार आजीविका के लिए खनन चुगान पर निर्भर हैं। ग्रामीणों ने कहा कि वैध रूप से तो खनन चुगान पर पूरी तरह प्रतिबंध है। लेकिन अवैध रूप से खनन चुगान बेरोकटोक चल रहा है।
धरने को संबोधित करते हुए एसोसिएशन के अध्यक्ष निशांत भैरव ने कहा कि प्रभावी खनन नीति नहीं होने के कारण रोजगार व निर्माण से सीधे तौर पर जुड़ा खनन चुगान व्यवसाय भारी संकट से गुजर रहा है। स्टोन क्रेशर मालिकों के साथ मजूदरों, वाहन चालकों भी समस्या का सामना कर रहे हैं। अवैध रूप से खनन कर रहे लोग महंगे दामों पर निर्माण सामग्री बेच रहे हैं। बाहरी राज्यों से आ रही खनन सामग्री गुणवत्ता पर खरी नहीं उतर रही है। प्रशासन अवैध खनन पर कोई रोक नहीं लगा पा रहा है। घटिया निर्माण सामग्री का असर कुंभ कार्यो पर भी पड़ रहा है। अक्षत कुमार ने कहा कि अधिकारी शासन को भ्रमित कर प्रभावी खनन नीति नहीं बनने दे रहे हैं। जिससे सरकार को राजस्व की भारी हानि हो रही है। स्टोन क्रेशन कारोबारी प्रभावी खनन नीति बनाने की मांग को लेकर छह दिन से धरना दे रहे हैं। लेकिन अभी तक किसी अधिकारी ने एसोसिएशन से वार्ता करना तक जरूरी नहीं समझा।
इससे अधिकारियों की उदासीनता को समझा जा सकता है। सभी नियमों का पालन करने व भारी भरकम टैक्स चुकाने के बावजूद स्टोन क्रेशर कारोबारियों की उपेक्षा की जा रही है। उन्होंने कहा कि मांगे पूरी होने तक धरना जारी रहेगा। धरना देने वालों में सन्नी कपूर, नेत्रपाल चौहान, मनोज गुप्ता, ऋषभ गुप्ता, सुरेश प्रधान, अजय अग्रवाल, सागर वर्मा, अतुल श्रीवास्तव, सचिन गोयल, सतीश चौहान, शेखर राणा, रिशु बंसल, पवन सिंह, संजय सरदार, संजय धींगरा, अरविन्द यादव, अतुल, विनय चौधरी, आशीष बंसल आदि के अलावा डिंपल, तेजपाल सिंह, नीटू, संजय, धर्मवीर, रमेश, सोहनलाल, दीपक, बलराम, चंदू, वेदपाल, नरेश, प्रकाश, ऋषिपाल, राधे, पप्पू, विजय आदि सहित दर्जनों ग्रामीण शामिल रहे।