कमल खडका
हरिद्वार, 28 जुलाई। प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मण्डल के जिला उपाध्यक्ष डा.नीरज सिंघल के नेतृत्व में खस्ताहाल हो चुके स्वास्थ्य विभाग और सत्ता के नशे में चूर प्रदेश सरकार को जगाने के लिए व्यापारियों ने शंख व घण्टे घड़ियाल बजाकर प्रदर्शन किया। गोरक्षनाथ व्यापार मण्डल के पूर्व अध्यक्ष संजय त्रिवाल ने कहा कि जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को ग्रहण लग चुका है। जिला अस्पताल सिर्फ रेफर सेंटर बन कर रह गया है।
जब प्रदेश के मुख्यमंत्री खुद स्वास्थ्य विभाग देख रहे हांे तो इससे ज्यादा शर्म की बात क्या हो सकती है। हरिद्वार जिले की जनता को अभिशाप है कि छोटी से भी छोटी बीमारियों के लिए भी आम नागरिक प्राइवेट हॉस्पिटलों को जाने को मजबूर हैं, तथा मोटे मोटे बिलों का भुगतान घर के बर्तन तक बेच कर रहे हैं। युवा जिलाध्यक्ष संदीप शर्मा ने कहा कि सिर्फ घोषणा करने से समस्याओं का समाधान नहीं होता। आये दिन अल्ट्रा साउंड की मशीन खराब रहती है। मरीजों को प्राइवेट लैब में अधिक पैसे देकर जाँच करानी पड़ रही है। अभी हाल में ही व्यापार मण्डल के संरक्षक व्यापारी का डेंगू से निधन हुआ है। इससे व्यापारियों में काफी आक्रोश है।
सड़के गड्ढों में तब्दील हो चुकी हैं। जनप्रतिनिधि मूकदर्शक बनकर बैठे हैं। कोरोना के साथ गम्भीर बीमारी डेंगू के रूप में खड़ी है। इसका उपचार शायद कभी जिला अस्पताल में सम्भव हो सके। डा.नीरज सिंघल ने कहा कि शहर में हो रहे गड्ढों से आम जनता त्रस्त हो चुकी है। डेंगू से तभी लड़ना सम्भव है। जब पानी भरे इन गढ्डों से निजात मिले। कोई राजनीतिक दल मदद करने को तैयार नही है। शनिवार रविवार लॉकडाउन का अब तक क्या फायदा देखने को नहीं मिला। व्यापारी नेताओं और निजी संस्थाओं ने अपने खर्चे पर पूरे क्षेत्रों को सैनिटाइज कराया। इसमे प्रदेश सरकार का योगदान शून्य रहा। टूट चुका व्यापारी वर्ग बेहाल है। सरकार के पास बड़े बड़े मठाधीशों के लिये तो करोड़ों रुपए है।
महीनों से एक एक पैसे के लिए मोहताज हो चुके मध्यम वर्गीय परिवार व व्यापारियों के लिए सरकार के खजाने खाली हैं। उन्होंने कहा कि सरकार सड़क पर आ चुके व्यापारी तथा मध्यम वर्गीय परिवारों की परीक्षा न ले। वरना आने वाले चुनाव में यदि जनता ने परीक्षा ली तो बहुत दयनीय स्थिति हो सकती है। गोरक्षनाथ व्यापार मण्डल के महामंत्री विशाल गोस्वामी ने कहा कि खस्ता हाल हो चुकी स्वास्थ्य सेवाएं अगर सुचारू रूप से शुरू नहीं होती तो मजबूर होकर घर घर जाकर बेकाबू हो चुकी व्यवस्था के खिलाफ अलख जगायी जाएगी। रेफर सेंटर बन चुका जिला अस्पताल जब तक लाइन पर नहीं आयेगा और समन्धित चिकित्सक और स्टाफ अपनी जिम्मेदारी नहीं समझेगा। तब तक इस जन आंदोलन को जारी रखा जाएगा।
प्रदर्शन करने वालों में राजेन्द्र जैन, सागर सक्सेना, विकास तंत्रीवाल,अमन त्रिवाल, गोपाल दास, गगन, सचिन त्रिवाल, गुगलानी, सूरज कुमार, दिनेश कुकरेजा, मुकेश कुमार, महिंदर कुमार, विशाल महेश्वरी, राजेश अग्रवाल, ऋषभ गोयल, छविकान्त, नितिन, अमन कुमार, सुनील कुमार, सतीश, बाबू चौहान आदि शामिल रहे।