राकेश वालिया
हरिद्वार, 24 जुलाई। कनखल स्थित रामकृष्ण मिशन अस्पताल के व्यवस्थापक स्वामी नित्य सुधानंद महाराज के अचानक ब्रह्मलीन हो जाने से संत समाज में शोक की लहर दौड़ गई। हरिद्वार के संतों ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए एक महान पुण्य आत्मा बताया। प्रेस को जारी बयान में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि स्वामी नित्य सुधानंद महाराज एक विद्वान एवं तपस्वी संत थे।
जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन मानव सेवा और सनातन धर्म और भारत भारतीय संस्कृति के प्रचार प्रसार के लिए समर्पित किया। उनका अचानक ब्रह्मलीन हो जाना संत समाज के लिए गहरी क्षति है। जिसे कभी पूरा नहीं किया जा सकता। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज ने कहा कि स्वामी नित्य सुधानंद महाराज का संपूर्ण जीवन मानवता और परोपकार के लिए समर्पित रहा। ऐसे महापुरुषों का जीवन सभी के लिए आदर्श है। संत समाज भगवान से उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता है।
कोठारी महंत जसविंदर सिंह महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी नित्य सुधानंद महाराज एक दिव्य महापुरुष थे। जिन्होंने हॉस्पिटल की व्यवस्था को देखते हुए हजारों गरीब असहाय लोगों की इलाज में सहायता की और सभी को संत सेवा और समाज सेवा का संदेश दिया। उनका जीवन सभी के लिए प्रेरणादायक है। स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी नित्य सुधानंद महाराज का नाम संत समाज के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा। ऐसे महापुरुष केवल शरीर त्यागते हैं। समाज कल्याण के लिए उनकी शिक्षाएं अनंत काल तक समाज का मार्गदर्शन करती हैं।
स्वामी रवि देव शास्त्री, स्वामी हरिहरानंद, महंत प्रह्लाद दास, महंत दुर्गादास, स्वामी राजेश्वरानंद, स्वामी ऋषिराम किशन, स्वामी गंगादास उदासीन, श्रीमहंत रविंद्रपुरी, श्रीमहंत रामरतन गिरी, महंत अरुणदास, महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश, महंत निर्मल दास, महामंडलेश्वर स्वामी कपिलमुनि, महंत गोविंद दास, महंत कौशलपुरी सहित संत समाज ने स्वामी विशुद्धानंद महाराज के ब्रह्मलीन हो जाने पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।