तनवीर
दूल्हे शाहनवाज कुरेशी को सोशल मीडिया पर दोस्तों रिश्तेदारों से मिल रही बधाईयां
हरिद्वार 14 जून। वैश्विक महामारी कोरोना संकट के चलते जहां एक ओर शुभ कार्यो विवाह समारोह व अन्य आयोजनों पर पूर्ण रूप से बेे्रक लग गया है। वहीं कुछ लोग केन्द्र सरकार की गाईडलाईन का पालन करते हुए विवाह समारोह सादगीपूर्ण तरीके से करते हुए समाज को प्रेरणा देने का काम कर रहे है। कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ महानगर अध्यक्ष शाहनवाज कुरैशी का निकाह बड़ी ही सादगी से सम्पन्न हुआ। बारात में जहां भारत सरकार की गाईड लाईन अनुसार 50 लोगों के जाने की अनुमति है तो वहीं शाहनवाज कुरैशी ने अपनी बारात में परिवार के मात्र 10 लोग ले जाकर निकाह सम्पन्न कराया।
शनिवार को मौहल्ला कस्साबान में दावते वलीमा का इंतजाम भी केन्द्र सरकार के नियमों के तहत किया गया। रिश्तेदारों, दोस्तों व अपने अजीज लोगों में से मात्र 25 मेहमानों को ही दावत में शामिल होने का न्यौता दिया गया। दावते वलीमा में भी सोशल डिस्टेन्सिंग, मुंह पर मास्क व आस पास के क्षेत्र को सेनेटाईज कर सभी नियमों का पालन किया गया।
अपने खास दोस्तों व रिश्तेदारों को केन्द्र सरकार के नियमों का हवाला देते हुए विवाह समारोह को बेहद सादगीपूर्ण तरीके से सम्पन्न कराया। विवाह समारोह में शामिल न होने वाले मित्रों व रिश्तेदारों ने दुल्हे शाहनवाज कुरैशी को सोशल मीडिया के माध्यम से जमकर बधाईयां भी दी। माता पिता को अपनी बेटे बेटियों की शादी हर्षोउल्लास व उत्साह के साथ करने की मंशा होती है। लेकिन अपना व दूसरों का ख्याल रखते हुए शाहनवाज कुरैशी के माता पिता ने भी दावते वलीमा व बारात में सीमित संख्या में मेहमानों को आमंत्रित कर नजीर पेश करते हुए भारत सरकार की गाईडलाईन का पालन किया। विवाह समारोह में पूर्व राज्य मंत्री हाजी नईम कुरैशी, मकबूल कुरैशी ने दूल्हा दुल्हन को नेक दुआयें देते हुए उनके खुशहाल वैवाहिक जीवन के लिए कसीदे पढ़े।
हाजी नईम कुरैशी ने कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते शादी समारोह में विशेष रूप से सरकार के दिशा निर्देशों का पालन किया गया है। रिजवान कुरैशी, पार्षद इसरार, बल्लू ने कहा कि सामान्य हालात में विवाह समारोह में 4 से 5 हजार मेहमान शिरकत करते थे। लेकिन कोरोना संकट के चलते शाहनवाज कुरैशी के विवाह समारोह में वर व वधु दोनों पक्षों मात्र 30 से 35 लोगों ने ही शिरकत की। सादगीपूर्ण निकाह सम्पन्न किये जाने से अन्य लोगों को भी प्रेरणा मिलती है। दावते वलीमा में भी मेहमानों की संख्या सीमित रखते हुए सोशल डिस्टेन्सिंग का पूरा पालन किया गया।