अमरीश
हरिद्वार, 27 अप्रैल। मानवाधिकार संगठन के चेयरमैन कार्तिक कुमार ने राज्य की त्रिवेंद्र सरकार से मांग की कि लाॅकडाउन के चलते निजी स्कूलों द्वारा अभिभावकों से फीस लिए जाने पर रोक लगायी जाए। लगातार निजी स्कूलों द्वारा अभिभावकों को मोबाईल से फीस लेने के मैसेज दिए जा रहे हैं। निजी स्कूलों की मनमानी का खेल धर्मनगरी में जारी किया जा रहा है।
शिक्षा विभाग द्वारा आदेश जारी किए जाने के बावजूद भी निजी स्कूल अभिभावकों से मोबाईल से फीस जमा करने के मैसेज भेजे जा रहे हैं। निजी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं के अभिभावक लाॅकडान के चलते आर्थिक परेशानियों को झेल रहे हैं। मध्यम वर्ग के परिवार लाॅकडाउन में भारी दिक्क्तों का सामना कर रहे हैं। निजी स्कूलों की मनमानी किसी भी सूरत में सहन नहीं की जाएगी। कार्तिक कुमार ने यह भी कहा कि फीस में किसी भी प्रकार की वृद्धि नहीं की जानी चाहिए। तीन माह की फीस माफ की जानी चाहिए। निजी स्कूल लगातार अभिभावकों को फीस जमा करने के मैसेज भेज रहे हैं।
मध्यम वर्ग के परिवारों का कारोबार समाप्त है। कई परिवार तो गुजर बसर भी नहीं कर पा रहे हैं। मध्यम वर्ग अपने परिवार का पालन पोषण करें या निजी स्कूलों की मोटी फीस जमा करें। रोजाना कमाने खाने वाले मजदूर वर्गो के समक्ष भी अनेकों परेशानियां बनी हुई हैं। श्रमिकों को राहत धन राशि सरकार को देनी चाहिए। जिससे वह लोग लाॅकडाउन में अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें। कार्तिक कुमार ने सरकार से बिजली के बिलों को माफ करने के साथ साथ तीन माह की फीस माफ करने की मांग की।