त्याग और तपस्या की साक्षात प्रतिमूर्ति थे ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी -श्रीमहंत रविंद्रपुरी

Haridwar News
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राकेश वालिया

संत समाज के प्रेरणा स्रोत और महान तपस्वी संत थे ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी-आचार्य महामडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी

हरिद्वार, 19 सितम्बर। भारत माता मंदिर के संस्थापक और पदम भूषण से सम्मानित ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रांनद गिरी महाराज का प्रकटोत्सव जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज की अध्यक्षता व सभी तेरह अखाड़ों के सानिध्य में भारत माता मंदिर में समारोह पूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर संत महापुरूषों ने सनातन धर्म संस्कृति के संरक्षण संवर्द्धन में ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी महाराज के योगदान को स्मरण करते हुए उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान संतों ने नए संसद भवन के निर्माण और संसद सत्र में महिला आरक्षण बिल लाए जाने के सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई भी दी।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रांनद गिरी महाराज संत समाज के प्रेरणा स्रोत और महान तपस्वी व विद्वान संत थे। उनकी शिक्षाओं पर चलते हुए मानव सेवा में योगदान का संकल्प ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है। संसद के नए भवन और महिला आरक्षण बिल लाए जाने के सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा संत समाज को विश्वास है कि नया संसद भवन देश में कल्याणकारी योजनाओं का गवाह बनेगा। संसद में लाए जा रहे महिला आरक्षण बिल को लेकर भी केंद्र सरकार की प्रशंसा करते हुए स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज ने कहा है कि सनातन संस्कृति में नारी को पूजनीय माना गया है और महिलाओं के सशक्त होने से देश भी सशक्त होगा।

अखाड़ा परिषद अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी महाराज त्याग एवं तपस्या की साक्षात प्रतिमूर्ति थे। उनके विचार और शिक्षाएं सदैव समाज का मार्गदर्शन करती रहेंगी। भारत माता मंदिर के महंत स्वामी ललितानंद गिरी महाराज ने कहा कि वे सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी महाराज के सानिध्य में धर्म व अध्यात्म की शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिला। देश और समाज के लिए जीवन समर्पित करने वाले ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी महाराज के जीवन से प्रेरणा लेते हुए सभी को मानव कल्याण में योगदान करना चाहिए।

स्वामी प्रबोधानंद गिरी महाराज, महंत जसविंदर सिंह महाराज, स्वामी हरिवल्लभ दास शास्त्री महाराज एवं स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज अपने गुरू ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रांनद गिरी महाराज के पद चिन्हों पर चलते हुए उनके अधूरे कार्यो को आगे बढ़ा रहे हैं। भारत माता मंदिर ट्रस्ट के सचिव आईडी शास्त्री, महंत स्वामी ललितानंद गिरी महाराज व भारत माता मंदिर के ट्रस्टियों ने सभी संत महापुरूषों एवं अतिथीयों का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया। इस अवसर पर सतपाल ब्रह्मचारी, महामंडलेश्वर स्वामी शिवानंद, महंत दुर्गादास, स्वामी शिवानंद भारती, स्वामी केशवानंद, भक्त दुर्गादास सहित बड़ी संख्या में संत महापुरूष, गणमान्य लोग व श्रद्धालुजन उपस्थित रहे।

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