श्री राधा रसिक बिहारी भागवत परिवार सेवा ट्रस्ट ने किया श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन

Haridwar News
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अमरीश


हरिद्वार, 24 सितम्बर। श्री राधा रसिक बिहारी भागवत परिवार सेवा ट्रस्ट के तत्वाधान में पितृपक्ष में पित्र मोक्ष के लिए ज्ञान लोक कॉलोनी इंदु एनक्लेव कनखल में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के सातवेें दिन भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री श्रद्धालुओं को कथा का श्रवण कराते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को भगवत भजन अवश्य करना चाहिए। भगवत भजन करने से ही कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है।

ध्रुव चरित्र श्रवण कराते हुए पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने बताया कि महाराज उत्तानपाद के पुत्र धु्रव सौतेली मां के कटु वचनों को सुनकर 5 वर्ष की अवस्था में सब कुछ त्याग कर वृंदावन की पावन भूमि पर कठोर साधना करते हैं। साधना से प्रसन्न होकर भगवान नारायण घु्रव को दर्शन देते हैं और अनेक प्रकार के वरदान देकर धु्रपद प्रदान कर देते हैं। ठीक इसी प्रकार प्रहलाद का भी चरित्र भागवत में आता है। प्रहलाद का जन्म राक्षस कुल में हुआ। परंतु प्रहलाद बाल्यकाल से ही भगवत भजन करते हैं।

प्रहलाद के पिता हिरण्य कश्यपु प्रहलाद को मारने के लिए अनेक प्रकार के उपाय करता है। परंतु भगवत भजन के प्रभाव से प्रहलाद का बाल भी बांका नहीं हुआ एवं स्वयं भगवान नारायण नरसिंह रूप धारण करके आते हैं और हिरण्य कश्यप को मारकर प्रहलाद की रक्षा करते हैं। कथा व्यास ने कहा कि जो मनुष्य भगवान का भजन करता है। भगवान उसकी रक्षा अवश्य करते हैं। उन्होंने कहा कि भागवत कथा के आयोजन व श्रवण का अवसर सौभाग्य से मिलता है। पितृपक्ष के दौरान समस्त पित्र पृथ्वी पर आते हैं और हमारे द्वारा दिए गए अन्न जल को ग्रहण करते हैं और प्रसन्न होकर समस्त मनोकामनाओं को पूर्ण करते है।ं इसलिए पितृपक्ष में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन श्रवण पितरों के उद्धार के लिए किया जाता है।

इस दौरान मुख्य यजमान राजीव अरोड़ा, सीमा अरोड़ा, डिंपल अरोड़ा, ऋषभ अरोड़ा, संजीव अरोड़ा, सोनिया अरोड़ा, अंशिका अरोड़ा, अनिकेत अरोड़ा एवं समस्त कॉलोनी वासियों ने भागवत पूजन कर अपने अपने पितरों का पूजन किया एवं कथा का श्रवण किया।

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