कमल खडका
हरिद्वार, 28 मार्च। रंगों व उमंगों का पर्व होली धर्मनगरी में उल्लास के साथ मनाया गया। महिलाओं ने बच्चों समेत होलिका का पूजन किया और परिवार के लिए मंगल कामना की। पंचपुरी में सवेरे से ही होली का उल्लास छाया रहा। महिलाएं होली पर आने वाले मेहमानों के स्वागत के लिए गुझिया व दूसरे पकवान बनाने में व्यस्त रही तो बच्चों ने धुलेण्डी से एक दिन पूर्व ही रंगों से खूब धमाल मचाया। पंचपुरी में ज्वालापुर, कनखल, भेल, हरिद्वार, भीमगोड़ा, खड़खड़ी, भूपतवाला सहित कई प्रमुख स्थानों पर होलिका दहन किया गया।
होलिका दहन से पूर्व महिलाओं ने नारियल, हल्दी, अक्षत, चावल, पकवान आदि से होलिका का पूजन कर परिवारों के लिए मंगल कामना की। कई स्थानों पर होलिका को बेहद खूबसूरत तरीके से सजाया गया और डीजे की धुन पर युवाओं ने जमकर डांस किया। श्री अखण्ड परशुराम अखाड़े के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि हर त्यौहार का अपना एक रंग होता है, जिसे आनंद या उल्लास कहते हैं। होली को रंगों के त्यौहार के रूप में मनाते हैं। प्रेम, भाईचारे व एकता के प्रतीक होली के पर्व को परंपरागत रूप से मनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि होली रंगों का त्यौहार है।
होली पर खूब जमकर रंग खेलें लेकिन अपनी परंपरांओं और संस्कृति का भी ध्यान रखें। होली भारतीय त्यौहार है। इस पर पाश्चात्य संस्कृति का रंग कतई ना चढ़नें दें। प्रेम व सौहार्द के साथ होली मनाकर आपसी भाईचारे को मजबूत करने में सहयोग करें। होली मनाते समय प्राकृतिक रंगों का प्रयोग करें।