राहत अंसारी
हरिद्वार, 16 मार्च। हेवी इलेक्ट्रिकल वर्कर्स ट्रेड यूनियन का 59वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया। भेल सेक्टर-1 स्थित यूनियन के कार्यालय पर आयोजित स्थापना दिवस समारोह में यूनियन के पदाधिकारी व सैकड़ों सदस्य सम्मिलित हुए। इस दौरान एक अप्रैल से लागू किए जा रहे नए श्रम कानूनों भेल के निजीकरण के प्रयासों पर विचार विमर्श कर विरोध की रणनीति भी तय की गयी। समारोह को संबोधित करते हुए हैवी इलैक्ट्रिकल्स वर्कर्स ट्रेड यूनियन के अध्यक्ष पूर्व विधायक रामयश सिंह ने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में भारत सरकार एक लाख पिचहत्तर हजार करोड़ की धनराशि एकत्रित करने के लिये दो दर्जन सार्वजनिक उपक्रमों की निजीकरण करने की तैयारी कर रही है।
निजीकरण किए जाने वाले संस्थानों की सूची में भेल का नाम भी शामिल है । भारत सरकार ने भेल की कुल पूंजी का आंकलन मात्र 45 से 50 हजार करोड़ रूपये किया है। जबकि आजादी के बाद देश के विकास में ऊर्जा, रक्षा आदि क्षेत्रों में भेल का महत्वपूर्ण योगदान रहा है । सरकार केवल कुछ पूँजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिये भेल को कौड़ियों के भाव बेचने की तैयारी कर रही है। जिससे भेल के मजदूरों में काफी रोष है।
यूनियन के महामंत्री विकास सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार मजदूरों के अधिकारों का हनन करके श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी परिवर्तन कर रही है। केन्द्र सरकार ने 1 अप्रैल से मजदूरों से 8 घण्टे के स्थान पर 12 घण्टे कार्य लेने का कानून पास कर दिया है। जिससे मजदूरों का शोषण बढ़ जायेगा। केन्द्र सरकार ने जल्द से जल्द मजदूर विरोधी श्रम कानूनों को वापस नहीं लिया तो हरिद्वार आने वाले केंद्रीय मंत्रियों को काले झण्डे दिखाकर विरोध किया जाएगा।
सी.एफ.एफ.पी.श्रमिक यूनियन के महामंत्री अमित गोगना ने कहा कि केंद्र सरकार ने मजदूर विरोधी निर्णय लेते हुए पीएफ खाते में ढाई लाख रूपये से ऊपर की धनराशि जमा होने तथा पीएफ खाते से बीस लाख रूपए से अधिक लोन पर आयकर का प्रावधान किया है। जिसका जमकर विरोध किया जाएगा।
सी.एफ.एफ.डब्ल्यू.यू, सी.एफ.एफ.पी. के महामंत्री जय शंकर ने कहा कि श्रमिकों को न्यूनतम वेतन 25 हजार रूपए दिना जाना चाहिये। ई.एस.आई. के अन्तर्गत 6 माह के अन्दर 76 कार्य दिवस की बाध्यता को घटाकर 30 दिन किया जाये।
इस अवसर पर गुलबीर चैधरी, आरके राम, एसपी मौर्य, अशोक सिंह, अर्जुन सिंह, बलबीर सिंह रावत, राकेश मालवीय, अरविंद मावी, कामता प्रसाद, प्रह्लाद सिंह चैहान, सतेंद्र प्रताप सिंह, कमलेश राय, नवीन कुमार, पी.के.वशिष्ठ, हरिहर प्रसाद, हरीश साहू, संदीप जोशी, दिवस श्रीवास्तव, बीजी शुक्ला, महावीर कश्यप, विपिन कश्यप, वीरेंद्र सिंह भदौरिया, दीपक पाल, विजय यादव, भवानी प्रसाद, धर्मेश गुप्ता, अमित पांडे, सुरेंद्र गुप्ता, अजीत पाल, सोहेल, अमरजीत सिंह, चंद्रदेव, कन्हैयालाल, हरद्वारी लाल लाल, हरद्वारी लाल यादव, जय प्रकाश राय, विकास प्रेडा, राजवीर सिंह, आदेश कुमार आदि सहित भेल के सैकड़ों कर्मचारी मौजूद रहे।