कमल खड़का
हरिद्वार, 11 मई। होटल रेस्टोरेंट व ढाबों में काम कर रहे पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा जनपद के 31 कामगार घर वापसी के लिए लगातार जिला प्रशासन गुहार लगा रहे हैं। लाॅकडाउन के कारण होटलों में काम पूर्ण रूप से बंद होने के कारण कामगारों के समक्ष रोजी रोटी का संकट बना हुआ है। कुछ समय तक तो होटल ढाबा स्वामियों ने कामगारों की मदद भी की। लेकिन उनके समक्ष भी आर्थिक परेशानियां बनी हुई हैं। हरिद्वार के एक होटल में काम करने वाले पश्चिम बंगाल निवासी उज्जवल बाउरी ने कहा कि प्रशासन को 31 लोगों की सूची दी गयी है। सभी को मेडिकल परीक्षण भी हो चुका है। लेकिन अब तक उनके घर वापस जाने के कोई प्रबंध नहीं किए गए हैं। जिससे उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
सभी लोग रोजाना संबंधित सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन कोई मदद नहीं मिल रही है। जहां काम करते थे। वहां काम बंद हो चुका है। ऐसे में पेट भरने की समस्या बनी हुई है। बबलू चटर्जी ने कहा कि काम बंद हो गया है। जो पैसे थे वह भी खर्च हो चुके हैं। ऐसे में सभी होटल कर्मचारी अपने घर लौटना चाहते हैं। प्रशासन को जल्द से जल्द सभी कामगारों को उनके घर भेजने के प्रबंध करने चाहिए। धर्मनगरी में होटलों ढाबों में खाना बनाना, सफाई करना, मैनेजरी आदि कार्य करते थे। लेकिन अब लाॅकडाउन के कारण होटल बंद हैं।
ऐसे में उनके सामने बड़ी समस्या उत्पन्न हो गयी है। पर्वतीय क्षेत्रों के कामगारों की घर वापसी तो की जा रही है। लेकिन पश्चिमी बंगाल के सभी 31 कर्मचारी काफी समय से घर वापसी के लिए कोशिशें कर रहे हैं। प्रशासन को सुध लेनी चाहिए। अरूप चटर्जी, उज्जवल चंद, ओचूचंद, गौतम बाउरी, स्वप्न कुंडु, जयंत कर्मकर, विनय बाउरी, सामल बाउरी, दीपक बाउरी, पप्पी बाउरी, राहुल बाउरी, शिवा बाउरी आदि ने भी जल्द घर वापस भेजे जाने की गुहार लगायी है।