हरिद्वार, 14 अप्रैल। रामलीला समिति मौ.लक्कड़हारान द्वारा ज्वालापुर हरिद्वार में आयोजित श्रीराम कथा के पांचवे दिन कथाव्यास वासुदेव महाराज ने राम, लक्ष्मण, भरत व शत्रुघ्न चरित्र का वर्णन करते हुए बताया कि धर्म का अर्थ भरत, काम का अर्थ लक्ष्मण, अर्थ का शत्रुघ्न तथा मोक्ष का अर्थ राम होता है। राम के साथ लक्ष्मण का मतलब काम के साथ मोक्ष और धर्म के साथ धन शोभा देते हैं। अधर्म से कमाया गया धन कभी भी धर्म पर खर्च नहीं करना चाहिए। मेहनत और ईमानदारी के कमाया धन ही ईश्वर को मान्य होता है। इस अवसर पर श्री गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ, रामलीला समिति के अध्यक्ष श्रीराम सरदार, मंत्री प्रदीप पत्थरवाले, नरेंद्र अधिकारी, नितिन अधिकारी, प्रदीप चाकलान, अनुराग लिब्बारेहडी, सुमित सरदार, दीपांकर चक्रपाणि, शिवांकर चक्रपाणि, शोभित खेड़ेवाले, उदित वशिष्ठ, आलोक चैहान, सत्यम अधिकारी, देवांश अधिकारी, हर्षित अधिकारी,तन्मय सरदार आदि उपस्थित रहे।