धनुष यज्ञ की कथा का श्रवण कराया

Dharm
Spread the love

तनवीर


हरिद्वार, 11 अप्रैल। श्री रामलीला समिति मौहल्ला लक्कड़हारान की और से ज्वालापुर में आयोजित श्री रामकथा के द्वितीय दिवस की कथा श्रवण कराते हुए कथा व्यास वासुदेव दास महाराज ने कहा कि राजा जनक के दरबार में भगवान शिव का धनुष रखा हुआ था। एक दिन सीता ने घर की सफाई करते हुए उसे उठाकर दूसरी जगह रख दिया। उसे देख राजा जनक को आश्चर्य हुआ, क्योंकि वह धनुष किसी से उठता नहीं था। जनक ने रानी सुनयना से कहा हमारे घर साक्षत मां जगदम्बा जगत जननी का जन्म हुआ है। राजा ने प्रतिज्ञा की कि जो इस धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाएगा, उसी से सीता का विवाह करेंगे। उन्होंने स्वयंवर की तिथि निर्धारित कर सभी राजा- महाराजाओं को विवाह के लिए निमंत्रण भेजा। वहां आए सभी लोगों ने एक-एक कर धनुष को उठाने की कोशिश की। लेकिन किसी को भी इसमें सफलता नहीं मिली। गुरु की आज्ञा से श्री राम धनुष उठाकर प्रत्यंचा चढ़ाने लगे तो वह टूट गया। इसके बाद धूमधाम से सीता व राम का विवाह हुआ। माता सीता ने जैसे ही प्रभुराम को वर माला डाली वैसे ही देवतागण उन पर फूलों की वर्षा करने लगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *