संत महापुरुष ही सृष्टि में संस्कृति का सूत्रपात करते हैं-श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह

Haridwar News
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राम नरेश यादव

हरिद्वार, 12 सितम्बर। श्रीमद जगद्गुरु रामानंदाचार्य साकेतवासी स्वामी हंसदेवाचार्य महाराज का 56वां जन्मोत्सव भीमगोडा स्थित श्री जगन्नाथधाम के परमाध्यक्ष महंत अरुणदास महाराज के सानिध्य में जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी हंसदेवाचार्य जयंती के रूप में धूमधाम पूर्वक मनाया गया। जिसमें निर्मल अखाड़ा के श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह तथा श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के कोठारी महंत दामोदरदास ने संत परंपरा को सनातन संस्कृति का आधार बताते हुए संत महापुरुषों के चरित्र से प्रेरणा लेने का आवाह्न किया।

श्रीमद जगद्गुरु रामानंदाचार्य साकेतवासी स्वामी हंसदेवाचार्य महाराज के चित्र पर माल्यार्पण कर उनके संत जीवन के रूप में संघर्ष एवं सफलता का वर्णन करते हुए श्रीमहंत ज्ञानदेवसिंह ने कहा कि संत महापुरुष ही सृष्टि में संस्कृति का सूत्रपात करते हैं और स्वामी हंसदेवाचार्य महाराज ने अखिल भारतीय संत समिति के माध्यम से संतों का इतना मजबूत संगठन तैयार किया कि केन्द्र  तथा राज्यों की सरकारें भी संतों का सानिध्य पाकर गौरवान्वित होती थी। स्वामी हंसदेवाचार्य के दृढ़ प्रतिज्ञा एवं आत्मविश्वास को परमात्मा की अद्भुत शक्ति बताते हुए उन्होंने कहा कि उनके शब्दकोश में असंभव नाम का कोई शब्द नहीं था। जिस कार्य की हामी भर देते थे उसे पूरा अवश्य करते थे।

बड़ा अखाड़ा उदासीन के कोठारी महंत दामोदर दास ने जगद्गुरु रामानंदाचार्य साकेतवासी स्वामी हंसदेवाचार्य के संघर्षमय संत जीवन को नमन करते हुए कहा कि उन्होंने महामंडलेश्वर के रूप में उदासीन बड़ा अखाड़ा को जो गौरव प्रदान किया सदा प्रेरणादायी रहेगा। धर्म स्थलों की स्थापना, पुनुरुद्धार एवं मर्यादा स्थापित करने में उनकी महारत को युवा संतों के लिए अनुकरणीय बताते हुए कहा कि उन्होंने भारत के सभी तीर्थस्थलों पर अपने गुरुआंे के स्मृति दिवस आयोजित कर राष्ट्रीय एकता को जो संबल प्रदान किया संत समाज सदैव उनका सम्मानपूर्वक स्मरण करता रहेगा।

श्री जगन्नाथ धाम के परमाध्यक्ष महंत अरुण दास महाराज ने संत महापुरुषों का अभिनंदन करते हुए कहा कि पूज्य गुरुदेव ने धर्म संस्कृति एवं समाजसेवा के जिन सेवा प्रकल्पों की आधारशिला रखी थी। उन्हीं के आशीर्वाद से उनका संचालन किया जा रहा है। श्री जगन्नाथ धाम के ट्रस्टियों, भक्त एवं सेवकों से मिल रहे सहयोग के लिए साधुवाद देते हुए उन्होंने कहा कि पूज्य गुरुदेव भले ही प्रत्यक्ष रुप में हमारे बीच नहीं है। लेकिन उनकी भगवत कृपा का आशीर्वाद हम सब को परमपिता परमात्मा के सानिध्य से अभिसिंचित कर रहा है।

जयंती समारोह को पूर्व पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रहमचारी, स्वामी ऋषिश्वरानन्द, वैष्णव मंडल अध्यक्ष महंत विष्णुदास, बाबा बलरामदास हठयोगी, महंत दुर्गादास तथा संत गुरमाल सिंह ने भी संबोधित किया। इससे पूर्व प्रबंधक जगदीश पांडे एवं सभी भक्तों ने गुरु वंदना एवं भजनों से संत महापुरुषांे का वंदन कर साकेतवासी स्वामी हंसदेवाचार्य महाराज का भावपूर्ण स्मरण किया।


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